भारतीय शास्त्रीय नृत्य विधाओं के सौंदर्य पक्ष से रू-ब-रू हुए खैरागढ़ यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी, प्रदर्शनात्मक व्याख्यान संपन्न

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भारतीय शास्त्रीय नृत्य विधाओं के सौंदर्य पक्ष से रू-ब-रू हुए खैरागढ़ यूनिवर्सिटी के विद्यार्थी, प्रदर्शनात्मक व्याख्यान संपन्न

बीएचयू की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ रंजना उपाध्याय ने विद्यार्थियों को बतायी बारीकियां

विद्यार्थियों के साथ-साथ शोधार्थी और शिक्षकों ने भी उठाया व्याख्यान का लाभ

खैरागढ़ :- इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में संगीत संकाय के अंतर्गत अवनद्य वाद्य विभाग द्वारा ‘भारतीय शास्त्रीय नृत्य विधाओं का सौंदर्य पक्ष’ विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। संकायाध्यक्ष प्रो. डॉ. नमन दत्त, अवनद्य वाद्य विभाग के सभी शिक्षकों और संगतकारों की विशेष उपस्थिति में संपन्न इस व्याख्यान में बड़ी संख्या में विद्यार्थी और शोधार्थी लाभान्वित हुए।

इस कार्यक्रम के संयोजक तथा अवनद्य वाद्य विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. हरि ॐ हरि ने जानकारी दी है कि विषय विशेषज्ञ के रूप में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय वाराणसी (BHU) में कथक की सहायक प्राध्यापक डॉ रंजना उपाध्याय शामिल हुईं। उन्होंने कथक नृत्य का सौंदर्यात्मक परिचय देते हुए परन, आमद, ठाट, टुकड़ा, तिहाई, कवित परमेलू, लड़ी, ततकार इत्यादि विभिन्न रचनाओं पर सोदाहरण चर्चा की। डॉ उपाध्याय ने विद्यार्थियों की जिज्ञासाओं का सहज, सरल और सुन्दर प्रस्तुतिकरण के साथ समाधान किया। उल्लेखनीय है कि कुलपति डॉ ममता (मोक्षदा) चंद्राकर के मार्गदर्शन में प्रतिवर्ष की तरह इस वर्ष भी तरह नए शैक्षणिक सत्र शुरू होते ही विश्वविद्यालय में विभिन्न अकादमिक गतिविधियां और आयोजनों की शुरुआत हो चुकी है। इसी कड़ी में यह व्याख्यान संपन्न हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में विद्यार्थियों और शोधार्थियों ने भाग लिया। व्याख्यान के पूर्व स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष की छात्रा रागेश्री दास चौधरी ने अतिथि कलाकार डॉ. रंजना उपाध्याय के जीवनवृत्त का वाचन किया।

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