रक्षाबंधन का पर्व भाई बहन के अटूट प्रेम एवं बंधन को दर्शाता है ।

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सिमगा :- रक्षाबंधन का पर्व सदियों से मनाया जा रहा है ।जो कि भाई-बहन के प्रेम का अटुट बंधन का प्रतीक माना  गया है ।  इस त्यौहार का मुख्य संदेश भाई-बहन के पवित्र बंधन को सम्मान देना होता है । हिंदू पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन को प्रतिवर्ष सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है । इसलिए इसे  राखी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है । यह बहनों और भाइयों के प्रेम का अटुट पर्व है । प्रदेश में रक्षाबंधन का पर्व बहनों द्वारा उत्साह पूर्वक मनाया जाता है । 
रक्षाबंधन का पर्व पूर्णिमा तिथि में मनाया जाता है । जो कि इस वर्ष 
रक्षाबंधन का पर्व दो दिनों का था जो की 30 अगस्त दिन बुधवार को काल भद्रा  होने की वजह से रात्रि 9:05 मिनट शुभ मुहुर्त पर कई बहनों ने अपने भाइयों की कलाइयों पर राखी बांधी वही 31 अगस्त दिन गुरुवार को सुबह से ही शुभ मुहूर्त होने पर भी रक्षा बंधन का पर्व धुमधाम व हर्षो उल्लास पूर्वक मनाया गया ।
भाईयो ने अपने बहनो की रक्षा करने का वचन लिया  

सिमगा ब्लॉक के नवागांव में रक्षा बंधन का पर्व उल्लास पूर्वक मनाया गया वही गांव की लड़कियों ने अपने भाईयो की कलाई में रखी बांधी और बहनों को भाईयो ने उपहार स्वरूप गिफ्ट भी दिया|

तिल्दा नेवरा के वार्ड क्रमांक दो   सासाहोली मे रक्षा बंधन का पर्व उल्लास पूर्वक मनाया गया वही नेताम परिवार की लड़कियो ने अपने भाईयो की कलाईयो में राखी बांधी और बहनो को भाईयो ने उपहार स्वरूप गिफ्ट कपड़े भी दिये।  

भाई-बहन का पर्व रक्षा बंधन का पर्व निस्वार्थ प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। जो की सिर्फ अपने भाईयो की कलाई पर धागा बांधने और उसके एवज में उपहार लेने से कहीं अधिक है. यह आपकी हार्दिक भावनाओं को व्यक्त करना है। भाई बहनो का पर्व रक्षा बंधन का पर्व  प्रेम व सोहार्द का प्रतिक है ।  रक्षाबंधन, भारत में एक पारंपरिक हिंदू त्योहार, भाई-बहनों के बीच के बंधन का सम्मान करता है । 
CNI NEWS सिमगा से ओंकार प्रसाद साहू की रिपोर्ट

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