शहीद भगत सिंह के विचारों को जन जन तक पहुंचाकर क्रांति की अलख जगाना होगा – कुलदीप

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युवा सन्गठन ने शहीद भगतसिंह की जयंती पर किया उनकी जीवनी पर व्याख्यान सभा का आयोजन

कोरबा:- पाली विकासखण्ड के ग्राम नुनेरा में युवा सन्गठन ने शहीद ए आजम भगत सिंह जयंती के अवसर पर उनकी जीवनी और विचारों पर व्याख्यान सभा का आयोजन किया जिसमें वर्तमान समय मे देश मे जल,जंगल,जमीन, शिक्षा और रोजगार पर हो रहे हमले पर विशेष रूप से प्रकाश डाला गया ।

कार्यक्रम के आरम्भ में युवा रैली निकाली गई जो नुनेरा बांधा खार सहित अन्य ग्रामो और मोहल्लों में भृमण करने के उपरांत नुनेरा स्थित सामुदायिक भवन में सभा किया गया । व्याख्यान सभा को मुख्य आसन्दी से संबोधित करते हुए समाजसेवी व भूविस्थापित नेता सपुरन कुलदीप ने देश के आजादी के आंदोलन में शहीद भगत सिंह के योगदान पर विस्तार से अपनी बातें रखी ।उन्होंने बताया कि भगतसिंह केवल क्रांतिकारी नही थे बल्कि वो एक विचारधारा के प्रतीक थे । पूरी दुनियां में एकता और प्रेम ,शोषण विहीन समाज की स्थापना के पक्षधर थे जबकि पाखण्ड और अंधविश्वास के विरोधी थे । उन्होंने अपने लेखों के जरिये बताया था कि हथियार उठाने के बजाय नौजवानों को मलिन बस्तियों और गांव में जाकर लोंगो को जागरूक करना होगा क्योंकि क्रांति बम और पिस्तौल से नही बल्कि विचारों से आती है । वो अध्ययनशील थे ,इसी कारण वे वैचारिक रूप से काफी मजबूत थे उन्होंने अपने जेल जीवन मे 550 से ज्यादा साहित्य का अध्ययन किया अपने फांसी से पहले तक रूस के समाजवादी क्रांति के नायक लेनिन की पुस्तक राज्य और क्रांति का अध्ययन कर रहे होते है और कहते है एक क्रांतिकारी दूसरे क्रांतिकारी से मिल रहा है। श्री कुलदीप ने व्याख्यान में बताया कि भगतसिंह ने एशिया उपमहाद्वीप में सबसे पहले युवाओं का संगठन का गठन किया था जिसका नाम था, भारत नौजवान सभा भगत सिंह ने हिंदुस्थान सोसलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन नाम से राजनैतिक पार्टी का गठन किया था। क्योंकि भगत सिंह मानते थे जब तक वैज्ञानिक समाजवाद स्थापित नही होगी तब तक शोषित जनता को आर्थिक आजादी नहीं मिल सकती है।इसलिए उन्होंने अपनी पार्टी के नाम पर सोसालिस्ट शब्द को जोड़ा था।
वे देश में समतामूलक समाज निर्माण के पक्ष में थे।वे जातिवादी उत्पीड़न के खिलाफ भी कठोर थे। फासी के एक दिन पहले वे मेथरीन को अपनी मां के रूप में संबोधित कर उनकी हाथ की बनाई हुई रोटी का सेवन करते है भगत सिंह की जीवनी हमे बताता है कि विज्ञान और सत्यता में ही वो ताकत निहित होता जो इंसान को निडर और बेखौफ बना देता है।

श्री कुलदीप ने देश की वर्तमान राजनैतिक ,सामाजिक और आर्थिक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि जल ,जंगल जमीन ,शिक्षा और रोजगार को समाप्त कर कारपोरेट घराने देश मे समस्याएं पैदा कर रहे हैं जिसके खिलाफ नौजवानों को भगतसिंह के विचारों के साथ व्यवस्था परिवर्तन की संघर्ष के लिए आगे आने की जरूरत है । अन्यथा भविष्य और भी अंधकार मय हो जाएगा ।

सभा का संचालन युवा सन्गठन के दानेंद्र प्रताप सिंह ठाकुर ने किया । कार्यक्रम में रुद्र दास , सतीश चन्द्रा , सन्तोष चौहान, ललित महिलांगे, दीपक यादव बसंत कुमार कंवर दीपक कुमार श्रीवास शंकर दास मानिकपुरी जितेन्द्र कुमार साहू शिव दास मानिकपुरी छोटु ठाकुर,करने सारथी अमितेश कुमार आरमोराकेश जगत,ओम प्रकाश मरावी, अमितेश कुमार आरमो काशीनाथ दास मनोज नाग समीर कुमार जगत शेषनारायण चंद्रा राहुल अहीर अशोक देवांगन हरीश कुमार यादव महेश कुमार बियार आशीष सिंह किशोर यादव दीपक पटेल देव पटेल संत कुमार कमल दास रामनारायण अहीर आशीष कुमार यादव नरेंद्र कुमार साहू मनीष कुमार अहीर घनश्याम शुक्ला रामरतन यादव प्रकाश कुमार प्रजापति महेश राम चौहान संतोष कुमार अहीर इतवार सिंह कंवर सरल कुमार प्रजापति राहुल कुमार राजेंद्र वासुदेव इंद्र पटेल निखिल गिरी गोस्वामी देवी प्रसाद अगरिया सुनील अगरिया सनिज अगरिया विकास अगरिया गुलाब अगरिया राकेश कुमार ओम प्रकाश राजेश रोहिदास सुरेश कुमार सूरज सोनवानी कलेश कुमार रणजीत सिंह संतोष कुमार बियार ईश्वर सिंह कंवर आशीष कुमार अहीर रामस्वरूप केवट आशु तिवारी जोगेन्दर सिंह गंगा प्रसाद अहीर विनोद कुमार जगत देवनारायण मरावी विकास पोर्ते (शेरा) लक्ष्मी नारायण अहीर दिलीप रोहिदास हेमंत पटेलआदि उपस्थित थे ।

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