स्वामी आत्मानंद स्कूल शिक्षक की मनमानी:अंधकार में बच्चों का भविष्य
जिला ब्यूरो सुरेंद्र मिश्रा
बिलासपुर -बेलगहना में आत्मानंद स्कूल के नाम पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा स्कूल व जिला शिक्षा प्रबंधन…
बेलगहना में आत्मानंद स्कूल के नाम पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं शिक्षक।
प्रशासन का सुस्त रवैय्या देख प्रभारी प्रिंसिपल ने भी हाथ खींच लिया।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ड्रीम प्रोजेक्ट का नाम खराब कर रहे अध्यापक।स्कूल के कुछ स्टॉफ नहीं कर रहे सहयोग
स्वामी आत्मानंद स्कूल बेलगहना का हाल इन दिनों बिना माँ-बाप के बच्चों जैसा है।प्रभारी प्रिंसिपल के भरोसे नैय्या पार लगाने की फिराक में यह स्कूल गर्त की ओर अग्रसर हो चुका है। छात्र छात्राओं को पढ़ाने वाले शिक्षक अपने विषय की पढ़ाई पूरी कराने के बजाय गुटबाजी मे मशगूल हैं प्रभारी प्रिंसिपल के बनाए नियम अथवा निर्देशों का पालन करने के बजाय अपने हिसाब से व्यवस्था बनाये जाने को लेकर अड़े हुए हैं। गुटबाजी के चलते यहां का स्टॉफ एक स्टॉफ रूम को दो हिस्से में बांटकर बैठता है।अंग्रेजी के शिक्षक द्वारा 17 अगस्त के बाद से लगभग एक महीने से ऊपर हो जाने के बाद भी अपने विषय की पढ़ाई नहीं कराई गई।
वहीं गणित और फिजिक्स की क्लास भी नहीं ली जा रही है दरअसल गणित के टीचर प्रशांत दीक्षित काफ़ी दिनों से बीमार चल रहे हैं जिनके विषय को पढ़ाने जिन्हे जिम्मेदारी दी गई है वह पीछे हट रहे हैं। वहीं एग्रीकल्चर विषय मे भी एक विषय फिजिक्स की पढ़ाई बाधित है।जबकि फिजिक्स के व्याख्याता दिन में केवल एक क्लास ही ले रहे है।5 भृत्य और 1चौकीदार के पद स्वीकृत होने के बावजूद स्कूल को एक भी उपलब्ध नहीं।अव्यवस्था का आलम यह है कि हम जब स्कूल पहुंचे तो स्कूल में एक भी चपरासी नही था घंटी बजाने के लिए भी प्रिंसीपल को जाना पड़ा।
प्रभारी प्रिंसिपल के पास 11 फंड का प्रभार……छत्तीसगढ़ में शायद ही ऐसा कोई स्कूल होगा जहां 11 प्रभार प्रिंसिपल अपने पास रखता हो।प्रभार का वितरण न किये जाने से व्याख्याता होने के बावजूद अपना विषय नहीं पढ़ा पा रहे प्रभारी प्रिंसिपल।मौखिक रूप से प्रभार दिया गया है।लेकिन लिखित आदेश कहीं नही मिला।वर्तमान प्रभारी जिनके पास कोई प्रभार नही है ने तो 23 सितंबर के बाद अपने आपको सभी कार्यों से मुक्त भी कर लिया है।इसकी सूचना उन्होंने बकायदा डीईओ को दी है। त्रैमासिक परीक्षा भगवान भरोसे…तिमाही परीक्षा का समय अब करीब है लेकिन स्कूल में अब तक कुछ विषय की पढ़ाई ही प्रारंभ नही हो पाई है।वहीं कुछ विषय का अब तक पेपर भी नहीं तैयार।अन्य सरकारी स्कूल में तिमाही की परीक्षा प्रारम्भ भी हो चुकी है।
क्लास से ज्यादा मैदान में दिखते है बच्चे…स्कूल मे पढ़ाई- लिखाई छोड़कर बच्चे बड़ी संख्या में स्कूल के मैदान और आसपास टहलते नजर आये। जब क्लास नही लगेगी तो बच्चें कहाँ जाएंगे।और क्या ही करेंगे अगर कोई दूसरा शिक्षक क्लास को इंगेज न करे। वहीं छात्राओं के भविष्य को लेकर अभिभावकों ने भी गंभीर चिंता जाहिर की है।
एक अभिभावक का दर्द……
एक अभिभावक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसकी बच्ची पहले आत्मानंद में एडमिशन के लिए रो रही थी।लेकिन अब आत्मानंद में एडमिशन हो गया तो क्यों ले ली करके ज्यादा रो रही है।उज्जवल भविष्य की चाह में आत्मानंद में एडमिशन लेना उनके लिए गलत निर्णय साबित हो गया।