जल संसाधन विभाग द्वारा आयोजित बैठक में सभी ने खनन से पेंड्रावन जलाशय को बचाने की मांग रखी।हमारे घरों को जलाकर हम दूसरे का चिराग रोशन नही कर सकते- अनुज शर्मा।

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हमारे घरों को जलाकर हम दूसरे का चिराग रोशन नही कर सकते- अनुज शर्मा।*

जल संसाधन विभाग द्वारा आयोजित बैठक में सभी ने खनन से पेंड्रावन जलाशय को बचाने की मांग रखी।*

खरोरा;—
आज दिनांक 18 सितंबर 2022 को जल संसाधन विभाग द्वारा बंगोली स्थित रेस्ट हाउस में पेंड्रावन जलाशय के कैचमेंट क्षेत्र में खनन की अनुमति के मुद्दे पर बैठक आयोजित की गई। बैठक में धरसीवा विधायक अनुज शर्मा, पूर्व विधायक देवजी भाई पटेल, जिला पंचायत सोना वर्मा, पेंड्रावन जलाशय बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष अनिल नायक, सचिव घनश्याम वर्मा संरक्षक ललित बघेल, आलोक शुक्ला, उधोराम वर्मा, जनपद सदस्य धनेश निषाद, देवव्रत नायक, डोमार वर्मा, अंकित वर्मा, इंद्र कुमार वर्मा, वीर देवांगन सहित सरपंचगण रविशंकर वर्मा, झुकुराम बांधे, हेमंत ठाकुर, प्रभा साहू, शेखर वर्मा, महेश वर्मा, संतोष कुर्रे, पुन्नीबाई देवांगन, प्रदीप वर्मा, आदि शामिल हुए।

संबोधित करते हुए विधायक अनुज शर्मा ने कहा कि हमारे घरों को जलाकर हम दूसरे का चिराग रोशन नही कर सकते। उन्होंने कहा कि सभी की भावना यही है कि जलाशय बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि कैचमेंट क्षेत्र के किसी भी जल स्रोत या नालों से छेड़छाड़ नही होनी चाहिए।

देवजी भाई पटेल ने कहा कि दो बार जल संसाधन मंत्री ने जन भावनाओं का ख्याल रखते हुए NOC निरस्त की है। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि खनन होगा तो जलाशय का विनाश तय है। देवजी भाई ने उधाहरण देते हुए कहा कि परियोजना लगने के पूर्व कंपनियां वादा करती लेकिन बाद में मुकर जाती हैं आज भी दशकों बाद सिलतरा औधोगिक क्षेत्र के प्रभावितों को नौकरी नही मिली।

ललित बघेल ने कहा कि खनन या जलाशय किसी एक को चुनना पड़ेगा। यह जलाशय 2600 हेक्टेयर सिंचित क्षेत्र के अलावा सारागांव डायवर्सन, बारोंडा, निलजा, पौनी डायवर्सन, मढ़ी सहित दो बड़े प्रमुख नालों के द्वारा अतिरिक्त 2 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में भूमिगत जल रिचार्ज करता है तथा क्षेत्र के दर्जनों गांव को निस्तारी जल मिलता है।

आलोक शुक्ला ने कहा कि जलसंसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी से लेकर मुख्य अभियंता का अभिमत खनन हेतु NOC नही दिए जाने का रहा है। उन्होंने कहा कि किसी भी उपाय के बावजूद भी खनन से जल भराव क्षमता बहुत ज्यादा कम होगी और यह प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा बांध अनुपयोगी हो जायेगा जिससे सरगांव, खरोरा क्षेत्र में गंभीर जल संकट पैदा होगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को NOC देने पर पुनर्विचार नही करना चाहिए और न ही कोर्ट ने ऐसा करने का आदेश दिया है।

श्रीमति सोना वर्मा ने कहा यह जलाशय हमारे पुरखों की धरोहर है जिसे हम खत्म होने नही देंगे। उन्होंने कहा कि 2017 में इस जलाशय को बचाने विधायक देवजी भाई के साथ हम गांव गांव पैदल चले थे और अभी भी इसके संरक्षण के लिए संकल्पित हैं।

अध्यक्ष अनिल नायक ने कहा कि संघर्ष समिति और क्षेत्र के किसान किसी भी कीमत पर जलाशय के विनाश की इजाजत नही देंगे। उम्मीद है शासन जन भावनाओं का सम्मान करेगी।

संरक्षक उधोराम वर्मा ने कहा कि हमारे गांव में एक छोटी सी खदान के कारण तालाब का पानी सूख जाता है। पिछले दिनों इसे बचाने में लिए किसानों ने राजनीतिक विचारधारा से परे जाकर एकजुट संघर्ष किया था सरपंच हेमंत ठाकुर ने कहा कि गर्मी में जब गंगरेल बांध से पानी नही आता तो यही जलाशय से हमे निस्तारी का जल मिलता है।

रिपोर्टर रोहित वर्मालोकेशन खरोरा

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