नारी सशक्तिकरण के संदेश के साथ महिलाओं ने मनाया महिला दिवस, पुरस्कारों से नवाजा

0

नारी सशक्तिकरण के संदेश के साथ महिलाओं ने मनाया महिला दिवस, पुरस्कारों से नवाजा

खैरागढ़ : अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर शुक्रवार को जिला मुख्यालय के राजपूत छत्री भवन मे महिला सम्मान समारोह का आयोजन हुआ। इस दौरान महिला सशक्तिकरण एवं महिला उत्थान का संदेश दिया गया।
इस दौरान अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित संवाद में जुटी विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रही महिलाओं ने इस बात पर जोर दिया कि वे सशक्त हैं। इस संवाद की शुरुआत आपसी मेल-जोल और एक फोटो सेशन से शुरू हुई। इसके बाद वंदना टाडेकर ने सबको अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दी और मंच संचालन करते हुए कहा कि यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः अर्थात जहां नारी की पूजा होती है वहीं देवता निवास करते हैं। इसके बाद कार्यक्रम में शामिल हुई सभी अतिथियों ने अपने विचारों को सबसे साझा किया और शॉर्ट गेम खेला। कार्यक्रम के बाद महिलाओं ने स्वयं के व्यक्तित्व को एक शब्द में बखान करते हुए शक्ति और सकारात्मकता से जोड़ा।

उप निरीक्षक ने महिला दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि महिलाएं आज किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है। महिलाओं को आर्थिक मोर्चे पर सक्षम करने और रोजगार से जोडऩे की जरूरत.

संजूलिका मनोज डेनिल महिलाओं ने अपनी प्रतिभा, कौशल और जज्बे के दम पर अपना लोहा मनवाया है। महिलाओं के हौसले को बढ़ाने के लिए, उनके देश और दुनिया की तरक्की में योगदान करने के लिए और उनकी सराहना करने के लिए ही महिला दिवस मनाया जाता है।

सीला ऊके ने अपने संबोधन में कहा कि महिलाओं में उन्नति एवं विकास की अद्भुत क्षमता है। महिलाओं को विकास के पथ पर आने के लिए शिक्षित होना जरूरी है। उन्होंने उपस्थित महिलाओ के सदस्यों से कहा कि कुटीर उद्योगों के जरिए अच्छी खासी आमदनी की जा सकती है।

डॉ. खुशबू बिसेन ने महिलाओं और बच्चियों को स्वास्थ्य के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। आज की महिलाएं सिर्फ घर नहीं चलाती बल्कि देश और दुनिया की तरक्की में भी अपना लोहा मनवा रही हैं।

खिलेशवरी साहू ने कहा की हर साल 8 मार्च का दिन अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है। ये दिन महिलाओं की उपलब्धियों को समर्पित है।

डॉ अनुराधा वर्मा ने कहा की महिलाएं अपने काम और साहस से हमें प्रेरणा दे रही हैं. वे बाधाओं को तोड़ रही हैं और असंभव को संभव बना रही हैं.

डॉ दुर्गेश नंदनी ने कहा महिलाओं को मान-सम्मान और उनका अधिकार देने के लिए ही महिला दिवस मनाया जाता है।

क्रिस्टीना दास ने कहा आज महिलाएं हर क्षेत्र में अपना योगदान दे रही हैं. वे वैज्ञानिक, डॉक्टर, इंजीनियर, कलाकार, नेता और बहुत कुछ हैं. वे अपनी बुद्धि, प्रतिभा और कड़ी मेहनत से दुनिया को बदल रही हैं.

इस अंदाज में महिलाओं ने खुद को शब्दों में बखान किया।

मंजू पटेल – मैं प्रामाणिक हूँ।

पवन मरावी – मैं स्ट्राँग हूँ

इन्द्राणी वर्मा – मैं बहादुर हूँ

गायत्री पटेल – मैं प्रेरणादायक हूँ

गीता सारथी – मैं आत्मविश्वासी हूँ

सुमन यादव – मैं आशावादी हूँ

जय श्री ताम्रकार – मैं अटल हूँ

संवाद कार्यक्रम का समापन स्वलपहार और महिला मुक्ति मण्डल की ओर से भेंट प्रदान करके किया गया। इस अवसर ममता वर्मा, भुनेश्वरि साहू, लता तिवारी, सुधा यादव, मोनिका यादव, अन्य महिलाये मौजूद रहे |

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *