आज का पंचांग : 08/11/2023 बुधवार
🌞ll ~ वैदिक पंचांग ~ ll🌞
🌤️ दिनांक – 08 नवम्बर 2023
🌤️ दिन – बुधवार
🌤️ विक्रम संवत – 2080
🌤️ शक संवत -1945
🌤️ अयन – दक्षिणायन
🌤️ ऋतु – हेमंत ॠतु
🌤️ मास – कार्तिक
🌤️ पक्ष – कृष्ण
🌤️ तिथि – दशमी सुबह 08:23 तक तत्पश्चात एकादशी
🌤️ नक्षत्र – पूर्वाफाल्गुनी शाम 07:19 तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
🌤️ योग – इन्द्र शाम 04:11 तक तत्पश्चात वैधृति
🌤️ राहुकाल – दोपहर 12:22 से दोपहर 01:47 तक
🌞 सूर्योदय-05:52
🌤️ सूर्यास्त- 05:18
👉 दिशाशूल – उत्तर दिशा में
🚩 *व्रत पर्व विवरण –
💥 *विशेष –
👉🏻 मनोरथ पूर्ण करने के लिए 09 नवम्बर को गाय और बछडे को इतना जरूर करे | धनतेरस पर यमराज को प्रसन्न करने के लिए करे इतना⤵️
🌷 धनतेरस 🌷
➡ 10 नवम्बर 2023 शुक्रवार को धनतेरस है ।
🙏🏻 कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन को धनतेरस कहते हैं । भगवान धनवंतरी ने दुखी जनों के रोग निवारणार्थ इसी दिन आयुर्वेद का प्राकट्य किया था । इस दिन सन्ध्या के समय घर के बाहर हाथ में जलता हुआ दीप लेकर भगवान यमराज की प्रसन्नता हेतु उन्हे इस मंत्र के साथ दीप दान करना चाहिये-
🌷 मृत्युना पाशदण्डाभ्याम् कालेन श्यामया सह ।
त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यजः प्रीयतां मम ॥
🔥 (त्रयोदशी के इस दीपदान के पाश और दण्डधारी मृत्यु तथा काल के अधिष्ठाता देव भगवान देव यम, देवी श्यामला सहित मुझ पर प्रसन्न हो।)
🌷 गोवत्स द्वादशी 🌷
🙏🏻 कार्तिक मास की द्वादशी को गोवत्स द्वादशी कहते हैं । इस दिन यानी 09 नवम्बर 2023 गुरुवार को दूध देने वाली गाय को उसके बछड़े सहित स्नान कराकर वस्त्र ओढाना चाहिये, गले में पुष्पमाला पहनाना , सींग मढ़ना, चन्दन का तिलक करना तथा ताम्बे के पात्र में सुगन्ध, अक्षत, पुष्प, तिल, और जल का मिश्रण बनाकर निम्न मंत्र से गौ के चरणों का प्रक्षालन करना चाहिये ।
🌷 क्षीरोदार्णवसम्भूते सुरासुरनमस्कृते ।
सर्वदेवमये मातर्गृहाणार्घ्य नमो नमः ॥
🙏🏻 (समुद्र मंथन के समय क्षीरसागर से उत्पन्न देवताओं तथा दानवों द्वारा नमस्कृत, सर्वदेवस्वरूपिणी माता तुम्हे बार बार नमस्कार है।)
🐄 पूजा के बाद गौ को उड़द के बड़े खिलाकर यह प्रार्थना करनी चाहिए-
🌷 “सुरभि त्वं जगन्मातर्देवी विष्णुपदे स्थिता ।
सर्वदेवमये ग्रासं मया दत्तमिमं ग्रस ॥
ततः सर्वमये देवि
मातर्ममाभिलाषितं सफलं कुरू नन्दिनी ॥“
🙏🏻 (हे जगदम्बे ! हे स्वर्गवासिनी देवी ! हे सर्वदेवमयी ! मेरे द्वारा अर्पित इस ग्रास का भक्षण करो । हे समस्त देवताओं द्वारा अलंकृत माता ! नन्दिनी ! मेरा मनोरथ पूर्ण करो।) इसके बाद रात्रि में इष्ट , ब्राम्हण , गौ तथा अपने घर के वृद्धजनों की आरती उतारनी चाहिए।
🌞 *~ पंचांग ~* 🌞
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