नवरात्रि का आज तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित है।

0


नवरात्रि का आज तीसरा दिन मां चंद्रघंटा को समर्पित है।
मां चंद्रघंटा मंत्र:
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता॥
सी एन आइ न्यूज -पुरुषोत्तम जोशी ।
रायपुर- नवरात्रि के तीसरे दिन चंद्रघंटा का ध्यान व आराधना की जाती है।
मस्तक पर है अर्ध चन्द्र, मंद मंद मुस्कान॥
दस हाथों में अस्त्र शस्त्र रखे खडग संग बांद।
घंटे के शब्द से हरती दुष्ट के प्राण॥
सिंह वाहिनी दुर्गा का चमके सवर्ण शरीर।
करती विपदा शान्ति हरे भक्त की पीर॥
मधुर वाणी को बोल कर सब को देती ज्ञान ।

नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप मां चंद्रघंटा को समर्पित है. ये अपने भक्तों के प्रति सौम्य और शांत स्वरूप के लिए जानी जाती हैं. मान्यता है कि मां चंद्रघंटा पापों का नाश और राक्षसों का वध करती हैं. मां चंद्रघंटा के हाथों में तलवार, त्रिशूल, धनुष और गदा होता है. ग्रंथों में उल्लेख है कि मां के सिर पर अर्धचंद्र घंटे के आकार में विराजमान होते हैं ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *