आज धूम धाम से निकलेगा भगवान जगरनाथ रथ यात्रा

उड़ीसा के पूरी में स्थित जगन्नाथ जी का मंदिर समस्त दुनिया में प्रसिद्ध है। यह मंदिर हिन्दुओं के चारों धाम के तीर्थ में से एक है। कहते है हर हिन्दू को चारों धाम की यात्रा करनी चाहिए, इससे मोक्ष की प्राप्ति होती है। जगन्नाथ पूरी में भगवान विष्णु के अवतार कृष्ण का मंदिर है, जो बहुत विशाल और प्राचीन है. इस मंदिर में लाखों भक्त हर साल दर्शन के लिए जाते है। इस जगह का एक मुख्य आकर्षण जगन्नाथ पूरी की रथ यात्रा भी है। यह रथ यात्रा किसी त्यौहार से कम नहीं होती है, इसे पूरी के अलावा अहमदाबाद( 148वां वर्ष) सहित देश भर में धूम धाम से मनाया जाता है
भगवान जगन्नाथ रथयात्रा भारत में मनाए जाने वाले धार्मिक महामहोत्सवों में प्रमुख और धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना गया है। यह रथयात्रा न केवल भारत में बल्कि विदेश में भी उन स्थानों पर आयोजित होती है जहां पर भारतीयों की आबादी रहती है। भारत में आयोजित होने वाली रथ यात्रा को देखने हर साल विदेश से हजारों पर्यटक आते हैं।
जगन्नाथ रथयात्रा दस दिवसीय महोत्सव होता है। यात्रा की तैयारी अक्षय तृतीया के दिन श्रीकृष्ण, बलराम और सुभद्रा के रथों के निर्माण के साथ ही शुरू हो जाती है। भारत के चार पवित्र धामों में से एक पुरी के मुख्य मंदिर में योगेश्वर श्रीकृष्ण जगन्नाथ के रूप में विराजते हैं। साथ ही यहां बलभद्र एवं सुभद्रा भी हैं।
आज के पवित्र दिन भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ अलग-अलग रथों में सवार होकर भ्रमण के लिए निकलते हैं।
यह रथ यात्रा केवल एक धार्मिक कार्यक्रम नहीं है, यह भक्ति, सेवा और त्याग का प्रतिबिंब है। यात्रा से पता चलता है कि परमेश्वर अपने भक्तों से मिलेगा, इसलिए वह सड़क पर आता है – वह आध्यात्मिक आत्मा जो हमारे पास जीवन में है। लगता है कि जीवन उज्जवल हो सकता है।
जगन्नाथजी मंदिर में इस त्योहार में लाखों भक्त लोग भाग लेते हैं, जिसमें रथों को खींचने का समारोह भक्ति से भरा है। भगवान को देखने के लिए सड़क के किनारे लोगखड़े हो जाओ, प्रसाद ले लो, और विश्वास के साथ कीर्तन गाते हैं।

यह रथ यात्रा की महिमा है:
समर्पण और भक्ति में एकता
समाज में शांति, सहयोग और प्रेम के संदेश की तरलता
आत्मनिर्भरता
हर वर्ग के लोगों के लिए भगवान के करीब जाने का मौका
आज के संदर्भ में, यह पवित्र यात्रा हमें सिखाती है कि:
हमें हर प्राणी में भगवान का एक अंश होना चाहिए
ईश्वर के प्रति समर्पण द्वारा जीवन प्राप्त किया जा सकता है
भक्तिऔर करुणा के माध्यम से, समाज में सच्ची प्रगति की जाती है
आइए हम भगवान जगन्नाथजी के चरणों में रहें। तन। अपने मन की पेशकश करें, और जीवन में प्रभु के मार्ग में चलने का संकल्प लें।
Cni news अहमदाबाद गुजरात से मनोज सिंह राजपूत की रिपोर्ट