राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिथोरा के द्वारा पारिवारिक मिलन वन भोज का कार्यक्रम संपन्न।

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हिंदू सनातन धर्म में प्रकृति की पूजा का भी महत्व हमारे ग्रंथो में मिलता है देवी देवताओं के साथ पशु पक्षी पेड़ पौधे आदि की पूजा करना भी हमारे हिंदू धर्म में महत्व रखता है इसी कड़ी में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा एवं थानेश्वर मंदिर समिति के द्वारा यह पारिवारिक मिलन वन भोज का कार्यक्रम पिथौरा के समीप किशनपुर नर्सरी में किया गया जहां पर विभिन्न अलग-अलग परिवार के सदस्य एक साथ मिलकर अपने अलग-अलग प्रकार का खेल एवं अपने विचार को प्रस्तुत किया।कृष्ण कुमार शर्मा के द्वारा आंवला पौधे की पूजा की गई। एवं श्री नारायण भगवान की आरती की गई उसके बाद सात्विक भोजन सभी के लिए परोसा गया भगवान को खीर पूरी सब्जी का भोग लगाकर सभी परिवार के सदस्य भोजन ग्रहण किया ऐसा हमारे धर्म ग्रंथ में बताया गया है कि वट सावित्री का पूजा बरगद पेड़ के नीचे की जाती है अमावस्या में नीम की पूजा की जाती है हर घर में तुलसी माता की पूजा की जाती है और अक्षय नवमी के दिन आंवला पौधे की पूजा की जाती है हर पेड़ पौधे में अलग-अलग देवी देवताओं का वास होता है ऐसे हमारे धर्म ग्रंथ में लिखा हुआ है इसी को साक्षी मानकर हम सभी प्रकृति में प्राप्त पेड़ पौधे की पूजा करते हैं परिवार के सभी सदस्यों को एक न एक दिन प्रकृति की छांव में जंगल में वन में भोजन करना चाहिए ताकि हमारे आने वाली पीढ़ी या जान सके कि पेड़ पौधे भी हमारे देवी देवता है हमारे वायुमंडल को शुद्ध वायु देने वाला पेड़ ही है आंवला को विटामिन का सबसे बड़ा स्रोत माना जाता है इसमें विटामिन सी की मात्रा अधिक होती है जो हमारे शरीर के सबसे उपयुक्त है इस आयोजन में थानेश्वर मंदिर एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पिथोरा के स्वयंसेवक कार्यकर्ता मौजूद रहे पंडित कृष्ण कुमार शर्मा जी अनूप दीक्षित जी जसवीर अजमानी जी पत्रकार राजा बाबू उपाध्याय एवं भारी संख्या में छोटे-छोटे बच्चे और महिलाएं शामिल थी।

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