युक्तियुक्तकरण नीति से बदली स्कूल की तस्वीर, खुशबू जैसे बच्चों को मिला सीखने का सुनहरा अवसर

0

धमधा के तुमाखुर्द गांव में बच्चों को अब खेल, कविता और कहानियों के माध्यम से मिल रही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा

सी एन आइ न्यूज-पुरुषोत्तम जोशी।

रायपुर-राज्य शासन द्वारा प्रारंभ की गई शैक्षणिक युक्तियुक्तकरण नीति का असर अब सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में भी देखने को मिल रहा है। दुर्ग जिले के धमधा विकासखंड के ग्राम तुमाखुर्द स्थित सरकारी प्राथमिक शाला में हाल ही तक एकमात्र शिक्षक के भरोसे स्कूल संचालित हो रहा था। विद्यालय में पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं संचालित थी, लेकिन शिक्षक की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही थी।

एक ही शिक्षक के भरोसे पांचों कक्षाओं का संचालन असंभव था। बच्चों की पढ़ाई नियमित नहीं हो पाती थी और धीरे-धीरे उपस्थिति भी घटने लगी थी। परिजनों की चिंता बढ़ती जा रही थी, खासकर खुशबू जैसी छात्राओं के माता-पिता बेहद चिंतित थे, जो अपनी बच्ची को पढ़ाना चाहते थे लेकिन हालात साथ नहीं दे रहे थे।

ऐसे में शिक्षा विभाग द्वारा युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया के तहत इस विद्यालय में एक योग्य शिक्षक की पदस्थापना की गई, जिसने विद्यालय की तस्वीर ही बदल दी। अब बच्चों को नियमित कक्षाएँ, खेल, कविताएं और कहानियों के माध्यम से पढ़ाई का आनंद मिल रहा है। खुशबू बताती है कि अब स्कूल आना अच्छा लगता है, नई-नई चीजें सीखने को मिलती हैं और शिक्षक ढेर सारे खेल-कविताएं सिखाते हैं।

बदलते माहौल का असर बच्चों की उपस्थिति पर भी पड़ा है। अब यहां शत-प्रतिशत उपस्थिति देखी जा रही है। शिक्षक के समर्पण और बच्चों की जिज्ञासा ने मिलकर विद्यालय में एक नया उत्साह और उमंग भर दिया है। जो स्कूल कभी वीरान सा लगता था, वहां अब बच्चों की किलकारियां और सीखने की चहल-पहल साफ झलक रही है।

अभिभावकों को भी अब भरोसा है कि उनके बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और नियमित शिक्षा मिल रही है। राज्य शासन की यह निति केवल शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण कि पुनर्रचना नहीं बल्कि ग्रामीण शिक्षा प्रणाली को मजबूती देने की दिशा में एक दूरदर्शी मजबूत कदम है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed