गुरुद्वारा नानक दरबार सिमगा में पहला प्रकाश पर्व श्रद्धा व उत्साह से मनाया गया

गुरुद्वारा नानक दरबार सिमगा में श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश पर्व बड़ी श्रद्धा और उत्साह से मनाया गया। सुबह 5 बजे श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के प्रकाश उपरांत संगत द्वारा नितनेम का पाठ किया गया। तत्पश्चात स्त्री सत्संग कमेटी ने गुरु बाणी का मधुर शब्द-कीर्तन प्रस्तुत किया।
ज्ञानी हरि सिंह बेदी ने गुरु ग्रंथ साहिब जी की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि “गुरु ग्रंथ साहिब केवल सिख पंथ के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे मानव समाज के लिए जीवन का मार्गदर्शक है। इसमें दर्ज बाणी हमें सत्य, प्रेम, सेवा, समता और भाईचारे का संदेश देती है। आज जब समाज भेदभाव और स्वार्थ में उलझा है, तब गुरु ग्रंथ साहिब हमें इंसानियत और एकता का पाठ पढ़ाते हैं।”
उन्होंने संगत को श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पहले प्रकाश पर्व की बधाई देते हुए कहा कि गुरु साहिब की बाणी जात-पात, ऊँच-नीच और संकीर्णता को त्यागने की प्रेरणा देती है। “यह केवल धर्मग्रंथ नहीं बल्कि जीवन जीने की कला है। गुरु हमें नाम जपना, कीरत करनी और वंड छकना सिखाते हैं। भौतिकता के इस युग में गुरु ग्रंथ साहिब की वाणी ही आत्मिक शांति और सही राह दिखाती है।”
सुबह के कार्यक्रम उपरांत नाश्ते का लंगर लगाया गया। शाम को विशेष दीवान सजाए गए, जिसमें रहिरास साहिब का पाठ, आरती, शब्द-कीर्तन और गुरु-विचार हुए। कार्यक्रम के अंत में गुरु का अटूट लंगर वरताया गया, जिसमें बड़ी संख्या में संगत ने भाग लिया। अंत में सम्पूर्ण मानव समाज की शांति, सुख और भलाई के लिए अरदास की गई।
CNI NEWS सिमगा से ओंकार साहू की रिपोर्ट