देवउठनी एकादशी व गौरा गौरी का पर्व नगर सहित अंचलो में धूमधाम व हर्षोउल्लास पूर्वक मनाया

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तिल्दा नेवरा – रायपुर जिला के तिल्दा नेवरा सहित वह अंचलो में देवउठनी एकादशी का पर्व हर्षोउल्लास एवं भक्तिभावना के साथ मनाया गया। वही ग्राम बिलाड़ी में देवउठनी एकदाशी पर्व के रात्रि 12 बजे के लगभग गोड़ आदिवासी समुदाय के लोगों द्वारा गौरा गौरी की स्थापना के पूर्व गड़वा गाजे बाजे के साथ गांव के ही अखाड़े टिम के सदस्यों द्वारा एक से बढ़क एक आखाडा करतव दिखाया गया । उसके उपरांत गौरा के बरात के पशच्चात गड़वा गाजे बाजे में गौरा गौरी को (गौरा गौरी ) चौक में ले जाने के बाद समाज के लोगों द्वारा स्थापना की गई उसके उपरांत खुब आतिश बाजी की और समाज की महिलाओं द्वारा गौर गौरी गीत भी गायन किया गया । देवउठनी के दूसरे दिन बुधवार को गोड़ आदिवासी समाज के महिलाओं व युक्क्तियों द्वार अपने ईष्ठ देव गौरा गौरी की पुरी रिति रिवाज के साथ पुजा अर्चना की गई वह अन्य समाज के महिलाओं द्वारा पूजा पाठ कर भगवान से अपने परिवार व गांव की सुख समृद्धि वह खुशहाली की कामना की गई । तत् पश्चात अपने स्वेच्छा अनुसार श्री फल व चावल भी चढ़ाया गया आदिवासी समुदाय के लोगों द्वारा सुबह 11 बजे से गड़वा गाजे बाजे की धुन में गौरा गौरी विसर्जन का शोभा यात्रा निकाली गई जो की गांव के मुख्य मुख्य चौक चौराहो से होते हुए गांव के ही महमाया मंदिर में माँ की पुजा अर्चना की गई । व गड़वा गाजे बाजे में नाचते झुमते समाज के पुरुष वह युक्क्तियां दिखे उसके उंपरात बिलाड़ी के गतवा तलाब में गौर गौरी की शोभा यात्रा समाप्त हुई । अंत गोड़ आदिवासी समाज के महिलाओं द्वारा अपने ईष्ठ देव गौरा गौरी की विधिवत् पुजा अर्चना कर अंतिम विदाई दी गई । जिसमें मुख्य रूप से समाज के पदाधिकारी बसंत ठाकुर , राम सिंह धुव्र , अशोक कुमार धुव्र , शिवनरायण धुव्र , दिनेश धुव्र , विजय धुव्र , सुरेश धुव्र , हिरेन्द्र धुव्र , किरण धुव्र , नितेश धुव्र , सिताराम धुव्र , दिलहरण धुव्र , खिलावन धुव्र , एवंम सैकण्डो की संख्या में महिलाएं व पुरुषों की उपस्थिती थी

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