स्वास्थ्य कर्मियों की लापरवाही से गई एक व्यक्ति की जान? सड़क पर पार्थिव शरीर रख परिजन न्याय की लगाई गुहार।

नर्सों ने घंटों तक मरीज के स्वास्थ्य जांच छोड़ मोबाइल पर उंगली थिरकाने का लगा आरोप?
0स्टाफ नर्सों व्दारा मरीज़ के परिजनों से सुबह का नास्ता मंगवाये जाने की मिली जानकारी?
सी एन आई न्यूज से राजू मंडावी की रिपोर्ट
सड़क चिरचारी =आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होना है जिसके लिए शासन प्रशासन हर क्षेत्र मुस्तैद नजर आ रहा है। वहीं छुरीया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिल्कुल इसके उलटफेर नजर आ रहा है? जबकि हमारे व्दारा छुरीया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अव्यवस्था को लेकर प्रमुखता से खबर प्रकाशित करते हुए आया है जिससे अस्पताल पहुंचे मरीजों को इलाज संबंधी व्यवस्था बन सके लेकिन यहां देखा जाए तो छुरीया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र हमेशा सुर्खियां बटोरने में कमी करते नजर नहीं आ रहा है? इसका खामियाजा यह होता कि आने वाले मरीजों को रिफर किया जाता है तो कितनों की जानें इस अस्पताल में दम तोड़ देती है? ऐसा ही एक मामला दिन मंगलवार को आया जहां छुरीया ब्लाक मुख्यालय अंतर्गत आने वाले ग्राम नादिया निवासी मनोहर उईके, जिनकी उम्र लगभग 65 वर्ष बताया गया जिन्हें परिजनों ने छुरीया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किसी कारण वश भर्ती कराया था। परिजनों ने बताया सुबह ड्यूटी कर रहे नर्सों ने मरीज़ के परिजन से होटल से बगैर पैसा दिए नास्ता मंगवाया जो मरीज को देखते हुए परिजन नास्ता लाकर दिया?
मरीजों की हालत भगवान भरोसे बड़े डाक्टर ही रहते हैं नदारद कौन है जिम्मेदार?
परिजन ने यह भी बताया कि नर्सों व्दारा परिजनों से बहार के दवा दुकान से ग्लूकोज पाउडर मंगवाया और इसे समय समय पर घोलकर पिला देने को कहा। ऐसे में लगभग दोपहर देढ़ बजे तक मरीज परिजनों से बातचीत करने के हालात में थे लेकिन वहीं जैसे ही ड्यूटी सिफ्ट खत्म हुआ किसी अन्य नर्सों ने उस मरीज की हालत का जायजा भी नहीं लिया न किसी डॉक्टर ने? ऐसे में परिजनों ने बताया घंटों तक किसी ने मरीज़ को देखना गंवारा नहीं समझा उसी बीच मरीज़ का मुंह सूख रहा था वे पानी पीने की बात कही जिसके चलते परिजन नर्स व्दारा बताए गए अनुसार ग्लुकोज़ को पानी में घोलकर पिलाया ऐसे में मरीज़ की हालत अचानक खराब होते देख परिजन घबराकर नर्सों को बताया तब घंटे देर बाद एक डॉक्टर पहुंचे जहां मरीज़ की हालत को देखते हुए इलाज शुरू किया लेकिन तब तक देर हो चुकी थी मरीज़ मनोहर उईके को मृत घोषित कर दिया गया। जिसके बाद डाक्टर ने परिजनों पर ही प्रश्न चिन्ह लगा दिया कि मरीज को पानी क्यों पिला दिया ऐसी स्थिति में मरीज़ को उठाकर ग्लूकोज देना चाहिए था? ऐसे में परिजन नर्स व डाक्टर पर आक्रोशित नजर आये की उन्हें नर्स ने ही ग्लुकोज़ पिलाने कहा था उन्हें ये नहीं बताया गया था कि किस तरह पिलाना है। तो ऐसे में लापरवाही किसकी क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र के ग्रामीणों को इतना सब अनुभव होता तो शायद यह नौबत नहीं आती।
दशहरा के दिन ग्रामीण पार्थिव शरीर सड़क पर रख दोषियों पर कार्यवाही की मांग?
परिजनों ने पार्थिव शरीर को न्याय न मिलने तक लेने से मना कर दिया व छुरीया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हुए लापरवाही को लेकर पार्थिव शरीर को अस्पताल के सामने बीच सड़क पर रखकर शासन प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते नजर आए? जहां घंटों तक लोगों का आवाजाही बाधित रहा व लोगों की भीड़ बढ़ती नजर आई? जिसकी जानकारी छुरीया थाना को मिलने पर तत्काल छुरीया थाना प्रभारी पहुंच परिजनों को समझाने की कोशिश कि गई जहां परिजन हटने को राज़ी नहीं थे लापरवाही बरतने वाले दोषी अस्पताल अधिकारी , कर्मचारियों पर कार्यवाही किए जाने की रखी मांग ? मंगलवार को दशहरा होने व दुर्गा झांकी को लेकर पुलिस थाना प्रभारी ने परिजनों से बातचीत कर पार्थिव शरीर को हटाया तब जाकर मामला शांत हुआ। लेकिन वहीं इतने बड़े अस्पताल में दो नर्स व एक डॉक्टर नजर आए लेकिन ऐसा कोई जिम्मेदार अधिकारी नजर नहीं आया जैसे बी.एम.ओ.
या एम.बी.बीएस कोई डाक्टर जो जवाब दे सकें? सुत्रों के अनुसार बताया जाता है कि इतने बड़े अस्पताल की आधा दुर्दशा इसलिए है कि यहां के बी.एम.ओ. हो या अन्य डाक्टर अपने मुख्यालय छोड़ अपने दुर दराज घर पर रहते हैं जिसके चलते ही ऐसी लापरवाही नजर आती है? जबकि प्रशासन ने अस्पताल में कार्यरत सभी अधिकारी व कर्मचारियों के लिए रहने योग्य मकान दिया हुआ लेकिन वे मुख्यालय से दूर रहना पसंद करते हैं?
बहरहाल अब देखना ऐसे लापरवाही बरतने वाले डाक्टरों व कर्मचारियों पर उच्च अधिकारी क्या कार्यवाही करते हैं क्योंकि ऐसे में आने वाले समय में विधानसभा चुनाव होने पर राज्य सरकार व स्वस्थ्य मंत्री की छवि धुमिल होने से नकारा नहीं जा सकता?