राजनांदगांव सरस्वती शिशु मंदिर मुसरा में शिक्षक दिवस मनाया गया।

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सरस्वती शिशु मंदिर मुसरा में शिक्षक दिवस मनाया गया।

मुसरा सरस्वती शिशु मंदिर मुसरा में शिक्षक दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।इस अवसर पर प्रांतीय (राज्यस्तरीय) खेल खो–खो समारोह कसेकेरा जिला महासमुन्द में संपन्न हुआ था जिसमें विजयी प्राप्त छात्र छात्राओं को प्रशस्ति पत्र,मैडल ,ट्राफी देकर पुरस्कृत किया गया।इस प्रकार से भविष्य में उपलब्धि प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहन करते हुए शुभकामनाएं एवम बधाई दी गई।जिसमें विद्यालय के छात्रों एवम शिक्षकों द्वारा डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन चरित्र को लेकर उनके शिक्षकीय एवम राजनीतिक चाटुकारिता पर देश के प्रति किए हुए कृत्यों को स्मरण किया गया।इस कार्यक्रम में विद्यालय के प्रधानाचार्य एस. के.पटेल द्वारा अपने उद्बोधन में डॉ सर्वपल्ली को एक महान शिक्षाविद और वे देश के पहले उपराष्ट्रपति एवम देश के दूसरे राष्ट्रपति रहें । डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था उनका बचपन बहुत आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी उनकी पढ़ाई लिखाई में अत्यंत रुचि थी।राधाकृष्णन का मानना था की बिना शिक्षा के इंसान कभी मंजिल तक नही पहुंच सकता इसलिए इंसान के जीवन में गुरु का बहुत जरूरी है।विद्यालय के एग्जाम सेल एण्ड एकेडमिक इंचार्ज जे.एन.वर्मा ने अपने उद्बोधन में डॉ राधाकृष्णन को प्रणाम करते हुए कहा गया कि पहले वह शिक्षक थे बाकी सब बाद में थे ।आगे इन्होंने ऐसे जियो जैसे तुम्हे कल मरना है ऐसे सीखो जैसे हमेशा जीना है,किसी देश का भविष्य शिक्षक पर निर्भर करता है ।जीवन में शिक्षक का अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।शिक्षक अपने संतान से भी ज्यादा अपने छात्रों को अपने से उच्च स्थान पर देखना चाहता है।शिक्षक पथ प्रदर्शक होता है यदि उस पथ पर उनके बताए हुए मार्गो पर चलकर मनोवांछित फल की प्राप्ति कर सकते है ।
उपर्युक्त कार्यक्रम में विद्यालय के आचार्य भागवत पटेल, भूखन वर्मा,कुशल वर्मा,मानिक पटेल, पारथ बंजारे दीदियां विद्या वैष्णव ,संतोषी विश्वकर्मा,प्रतिभा पटेल,भानेश्वरी उइके,डोमेश्वरी पैकरा एवम विद्यालय के सभी स्टूडेंट्स सम्मिलित थे ।

सी एन आई न्यूज़ के लिए संतोष सहारे की रिपोर्ट

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