हिमालय वुड बैज प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए शिक्षक अर्जुन धनंजय सिन्हा एवं गिरवर यादव स्काउटिंग गतिविधियों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा यह प्रशिक्षण

गरियाबंद :-भारत स्काउट्स एवं गाइड्स छत्तीसगढ़ के राज्य मुख्य आयुक्त डॉ. सोमनाथ यादव एवं राज्य सचिव कैलाश सोनी छत्तीसगढ़ में स्काउटिंग को आगे बढ़ाने हेतु सतत् प्रयत्नशील हैं। स्काउटिंग गतिविधियों को पूर्ण दक्षता के साथ प्रत्येक विद्यालय तक पहुंचाने के उद्देश्य से आधारशिला विद्या निकेतन न्यू सैनिक स्कूल बिलासपुर हिमालय वुड बैज प्रशिक्षण शिविर आयोजित की गई। विदित हो कि हिमालय वुड बैज प्रशिक्षण, यूनिट लीडर का सर्वोच्च कोर्स होता है। राज्य भर के 38 स्काउट मास्टर एवं 25 रोवर लीडर ने सहभागिता निभाई। जिले से नगर के प्रतिष्ठित शिक्षक अर्जुन धनंजय सिन्हा एवं फिंगेश्वर विकासखंड से गिरवर यादव प्रशिक्षण में सम्मिलित हुए।शिक्षक अर्जुन धनंजय सिन्हा ने बताया कि यह कोर्स स्काउट के बेसिक और एडवांस से बहुत अलग था। इसमें अनुशासन के साथ समय की पाबंदी थी। नेतृत्व क्षमता के विकास हेतु यह अत्यंत महत्वपूर्ण कोर्स था। प्रशिक्षण में दिन की शुरुआत बीपी सिक्स, मार्च पास्ट, पीटी, ड्रिल से होती थी। हॉर्स शू में विशिष्ट शैली के साथ ध्वजारोहण, कक्ष निरीक्षण, निरीक्षण रिपोर्ट, फ्लैग ऑनर, प्रशिक्षण सत्र का व्यस्त शेड्यूल रोटा चार्ट के अनुसार निर्धारित था। नॉटिंग, लेसिंग, पायनियरिंग, गैजेट्स, कैंपिंग में टेंट लगाना सिखाया गया। केवल कंपास के माध्यम से नाइट हाईक और बिना बर्तन के भोजन बनाने की परीक्षा ने रोमांचित कर दिया। सेशन के दौरान स्काउटिंग के उद्देश्य, सिद्धांत, परिचय, भारत में स्काउटिंग की शुरुआत, स्काउटिंग दल संचालन करने की जानकारी, झंडा गीत, प्रार्थना, नियम, प्रतिज्ञा, लीडरशिप, प्रवेश, दीक्षा, प्रथम सोपान, द्वितीय सोपान, तृतीय सोपान, राज्य पुरस्कार, राष्ट्रपति स्काउट, दक्षता बैज, दिशा ज्ञान, कंपास, दूरी मापन, अनुमान लगाना, प्राथमिक सहायता, स्ट्रैचर निर्माण, घाव के प्रकार, पट्टी, पट्टी के प्रकार, सीटी के संकेत, खोज के चिन्ह, गांठे जैसे अनेक महत्त्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई। जिनका परीक्षा एसटीए, टीटीए एवं प्रायोगिक रूप से टेंट पीचिंग, चलित ध्वज, मंकी ब्रिज आदि निर्माण कर लिया गया। उक्त प्रशिक्षण से सभी यूनिट लीडर के अंदर दक्षता में वृद्धि हुई जिसका लाभ जिले के समस्त स्काउट गाइड को मिलेगा। सात दिवसीय कोर्स था जिसमें सुबह 06 बजे बीपी सिक्स से लेकर रात 10 बजे तक का बिजी शेड्यूल था। दिनभर की थकावट दूर करने हेतु स्वस्थ मनोरंजन के लिए टास्क दिया जाता था। प्रशिक्षार्थियों के द्वारा टोलीनुसार टास्क अनुरूप कैम्प फायर आयोजित किया जाता था। जिसमें विशेष रूप से डंडा नृत्य, ककसाल, शैला, सरगुजिया, करमा, पंथी, पंडवानी, बसदेवा, भरथरी की धूम रही। प्रत्येक दिन रोटा चार्ट अनुसार ग्रुप का कार्य बदलकर कर प्रत्येक प्रतिभागी को एक एक दिन दल का लीडर बनाकर उनके अंदर लीडरशिप जैसे क्षमताओं का विकास किया गया। इस कोर्स में हमें बहुत सारे गतिविधियों को प्रेक्टिकल करके सीखने का मौका मिला। विशेष रूप से पायनियरिंग प्रोजेक्ट, टी ऑन ट्री टॉप, बर्निंग कैंडल ऑन ट्री टॉप ने सभी प्रशिक्षार्थी को रोमांचित किया। स्काउट विंग में शिविर संचालक संतोष कुमार साहू एवं राज्य संगठन आयुक्त विजय यादव, डॉ. पूनम सिंग साहू, शांतनु कुर्रे, मृत्युंजय शुक्ला, गिरीश पाढ़ी सहायक शिविर संचालक थे। वहीं रोवर सेक्शन में शिविर संचालक कैलाश सोनी एवं अमित क्षत्रिय, दिलीप पटेल, प्रदीप सेन, जितेन्द्र डडसेना सहायक शिविर संचालक थे।