शिक्षक समाज की रीढ़ होते हैं. उनके योगदान से राष्ट्र की प्रगति सुनिश्चित होती है:-डाँ. सुनील जायसवाल
रतनपुर से ताहिर अली की रिपोर्ट
रतनपुर…..शिक्षक दिवस देश के महान शिक्षाविद् और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के मौके पर मनाते हैं। यह दिन शिक्षकों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करने के लिए होता हैं।इसी भाव को लेकर सरस्वती शिशु मंदिर रतनपुर मे आचार्य सम्मान समारोह का आयोजन विद्यालय के व्यवस्थापक डाँ. सुनील जायसवाल के मुख्य आतिथ्य मे शिशुभारती, बालभारती, किशोरभारती द्वार आयोजित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय के प्राचार्य मुकेश श्रीवास्तव ने किया। सर्वप्रथम मंचस्थ अतिथियो ने सर्वपल्ली डाँ.राधाकृष्णन को याद करते उन्हे श्रद्धा सुमन अर्पित किया। तत्पश्चात विद्यालय परिवार की ओर से आचार्यो को उनके कर्तव्यनिष्ठा एवं समर्पित सेवा भावना के लिए डाँ.सुनील जायसवाल ने श्रीफल, कलम एवं माल्यापर्ण द्वारा सम्मानित किया। वही विद्यालय के कक्षा सप्तम के वेदांश यादव, रोहन नागेश वंशिका मरावी, मनु मानिकपुरी, अष्टम की अदिति कश्यप, नवम कक्षा की कविता कोल, दशम, की धर्मिन धनुहार एवं एकादश की क्षमा कश्यप ने आचार्यो के सम्मान मे अपने शब्दो की अभिव्यक्ति से उनके योगदान को सराहा। इस अवसर पर भैया बहनो को संबोधित करते हुए विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य श्री योगेश गुप्ता ने कहा की शिक्षक ही वे मार्गदर्शक होते हैं, जो हमें सही दिशा दिखाते हैं। हमारे ज्ञान को बढ़ाने का काम करते हैं। हमें जीवन के कठिन मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं। उनकी मेहनत का फल हम अपने जीवन में पाते हैं। इस दिन हमारे पास मौका होता है कि शिक्षकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त कर सकें।मुख्य अतिथि की आसंदी से सबोंधित करते हुए डाँ. सुनील जायसवाल जी ने कहा की, शिक्षक समाज की रीढ़ होते हैं। वे हमारे जीवन के पहले गुरु होते हैं, जो हमें केवल पाठ्यक्रम का ज्ञान ही नहीं, बल्कि जीवन की सच्ची शिक्षा भी देते हैं। वे हमें सही और गलत का अंतर सिखाते हैं। वह हमें प्रेरित करते हैं। वे हमारे सपनों को पूरा करने के लिए मार्गदर्शन करते हैं। उनका समर्पण और मेहनत ही हमारे भविष्य की नींव है।हमारे शिक्षकों का योगदान अमूल्य है। वे हर दिन हमें जीवन की महत्वपूर्ण बातें सिखाते हैं। इस विशेष दिन पर हम सभी अपने शिक्षकों के प्रति धन्यवाद और सम्मान व्यक्त करें। इस अवसर आचार्य परिवार के कु. कीर्ति कहरा, श्रीमती तृप्ती बघेेल, श्रीमती मणि फांसे, श्रीमती वर्षा श्रीवास्तव, श्रीमती माधुरी बैसवाडे, श्री सूर्यकांत यदु, दामिनी यादव, तुषार गुप्ता, विकास यादव, सुशीला साहू, आकाश कश्यप, श्रीमती राजेश्वरी कश्यप, राजू परधान सहित विद्यालय के शिशु भारती, बाल भारती, किशोर भारती के पदाधिकारियो की गरिमामय उपस्थिति रही। कार्यक्रम का सफल संचालन एवं आभार कक्षा नवम् के छात्र सर्वज्ञ श्रीवास्तव ने किया। सर्वे भवंतु सुखिनः के समवेत गायन से कार्यक्रम का समापन हुआ।