अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

सिंगापुर – भारतीय मूल के थरमन शणमुगारत्नम ने सिंगापुर राष्ट्रपति चुनाव में भारी मतों से जीत हासिल की है , इसी के साथ वे सिंगापुर के नौवें राष्ट्रपति बन गये हैं। इस चुनाव में त्रिकोणीय मुकाबला था लेकिन सिंगापुर में जन्मे भारतीय मूल के थर्मन ने 70.4 फीसदी वोटों के साथ राष्ट्रपति चुनाव जीता। वहीं उनके खिलाफ लड़े उम्मीद्वारों सिंगापुर सरकार इन्वेस्टमेंट कॉर्प के पूर्व मुख्य निवेश अधिकारी एनजी कोक सॉन्ग को 15.72 फीसदी और सरकारी स्वामित्व वाले बीमा समूह एनटीयूसी इनकम के पूर्व प्रमुख टैन किन लियान को 13.88 प्रतिशत वोट मिले। शणमुगरत्नम वर्तमान राष्ट्रपति हलीमा याकूब का स्थान लेंगे जिनका छह साल का कार्यकाल 13 सितंबर को समाप्त होगा। हलीमा देश की आठवीं और पहली महिला राष्ट्रपति हैं। हलीमा वर्ष 2017 में निर्विरोध राष्ट्रपति चुनी गई थीं। सिंगापुर में वर्ष 2017 का राष्ट्रपति चुनाव एक आरक्षित चुनाव था , जिसमें केवल मलय समुदाय के सदस्यों को चुनाव लड़ने की अनुमति थी। उस दौरान हलीमा को राष्ट्रपति नामित किया गया था , क्योंकि कोई अन्य उम्मीद्वार नहीं था। सिंगापुर में राष्ट्रपति पद के लिये पहला चुनाव 28 अगस्त 1993 को हुआ था। वर्ष 1991 में निर्वाचित राष्ट्रपति पद की शुरुआत के बाद से यह तीसरी बार था कि सिंगापुरवासियों ने अपने राष्ट्रपति के लिये मतदान किया। इस तरह का पहला चुनाव 1993 में हुआ था , उसके बाद 2011 में दूसरा चुनाव हुआ था।

भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का उपयोग करना मेरा कर्त्तव्य – थर्मन

थर्मन ने अपनी जीत के बाद मीडिया से अपनी पहली टिप्पणी में कहा कि मैं प्रतिज्ञा करता हूं और सिंगापुरवासियों के बीच आशावाद और एकजुटता के इस भविष्य को आगे बढ़ाने के लिये राष्ट्रपति की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों का उपयोग करना मेरा कर्तव्य होगा , यह मेरा संकल्‍प है।

भारतीय प्रधानमंत्री ने दी बधाई

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थर्मन को जीत की बधाई देते हुये ट्विट किया है – थर्मन शनमुगरत्नम को सिंगापुर के राष्ट्रपति चुने जाने पर हार्दिक बधाई। मैं भारत और सिंगापुर की रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिये आपके साथ मिलकर काम करने के लिये उत्सुक हूं।

थर्मन तीसरे भारतवंशी राष्ट्रपति

थर्मन मतदान से राष्ट्रपति पद तक पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं। वहीं, सिंगापुर में भारतीय मूल के तीसरे राष्ट्रपति बने हैं। वर्ष 1981 में संसद में चुने गये देवेन नायर राष्ट्रपति बने थे। एस. आर. नाथन 1999 से 2011 तक ग्यारह साल तक राष्ट्रपति रहे , वे निर्विरोध चुने गये थे। वर्ष 1991 के बाद से आम लोग वोटिंग से राष्ट्रपति चुनते हैं।

कौन है थर्मन शनमुगरत्नम ?

थर्मन 25 फरवरी 1957 को सिंगापुर में जन्मे हैं। उनके दादा तमिलनाडु से जाकर सिंगापुर में बसे थे। थर्मन के पिता प्रो.के. शनमुगरत्नम चिकित्सा वैज्ञानिक थे , जिन्हें सिंगापुर में पैथोलॉजी का जनक माना जाता है।
कैम्ब्रिज के अर्थशास्त्री थर्मन सिंगापुर के ‘पॉलिसी मेकर’ रहे हैं।शनमुगरत्नम ने लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में बीएससी की डिग्री हासिल की। इसके बाद वो यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैम्ब्रिज के वुल्फ़सन कॉलेज गये , जहां से उन्होंने अर्थशास्त्र में ही एम० फिल किया। इसके बाद उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय के हार्वर्ड कैनेडी स्कूल से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एमपीए किया। यहां उन्हें लूसियस एन. लिटाउर फेलो पुरस्कार मिला , जो कि एमपीए में सबसे अच्छा एकेडेमिक प्रदर्शन और नेतृत्व करने वाले छात्रों को दिया जाता है। वर्ष 2011 में लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स ने उन्हें मानद फेलोशिप से सम्मानित किया था। ये वर्ष 2011 से 2019 तक सिंगापुर के उप प्रधानमंत्री रहे।थर्मन की पत्नी जेन इटोगी चीनी-जापानी मूल की हैं , जो उन्हें कैंब्रिज में मिली थीं। उनकी एक बेटी और तीन बेटे हैं। बेटी माया वकील , बेटा आकाश सॉफ्टवेयर टेक कंपनी क्रियोन डेटा के सह संस्थापक हैं। वहीं कृष्ण इकोनॉमिक्स , जबकि अर्जुन सिंगापुर अमेरिकन स्कूल के छात्र हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed