सरपंच पति एवं भाई दोनो का आतंक महिला को किया प्रताड़ित दी थाने में लिखित शिकायत

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रतनपुर से ताहिर अली की रिपोर्ट

रतनपुर…..ग्राम सीस निवासी पीड़ित महिला ने थाने में शिकायत दर्ज कर नियाय की लगाई गुहार कहा सरपंच पति द्वारा एवम् भाई जगमोहन डिक्सेना एवं बृजमोहन डिक्सेना (शिक्षक) पिता
स्व. जुगना प्रसाद डिक्सेना निवासी ग्राम सीस जो कि गांव की महिला मितानिन है।महिला नें कहा मेरे परिवारे से ईर्ष्या रंजिश रखते है आये दिन दोनो भाई किसी न किसी तरीका से मुझे मानसिक रूप प्रताड़ित व बदनाम कर रहे जिसके कारण बहुत परेशान हूँ कई साल से काबिज भूमि के बाऊण्डीयाल दीवाल मेरी अनुपस्थित में अवैध तरीका से तोड़ दिये घर में विजली कनेक्शन काट दिए । 2 जुलाई को समय लगभग दोपहर 12-3 बजे के बीच में जब मैं अपने घर पर नहीं थी, पंचायत के टीकाकरण में गई थी इसी बीच में सरपंच मालती डिक्सेना पत्ति जगमोहन डिक्सेना, सरपंच पति जगमोहन डिक्सेना एवं उप सरपंच राम लखन जायसवाल निवासी ग्राम सीस के द्वारा बिना कोई सूचना दिये प्रार्थीया के बाउण्ड्रीवाल को बलपूर्वक गैर कानूनी पक्षपात पूर्ण तरीका से तोड़वा दिये थे जिसके संबंध में थाना में सूचना दर्ज करायी थी इसी बात से दोनो भाई जगमोहन डिक्सेना एवं बृजमोहन डिक्सेना दोनो का पिता स्व. जुमना प्रसाद डिक्सेना मुझे चिढ़ गये है और गांव में मुझे जबरदस्ती बदचलन, आवारा, चरित्रहीन, वेश्या, रंडी बोलकर ग्रामवासी के समक्ष बदनाम कर रहे है जिसकी जानकारी मुझे कुछ ग्रामवासी के द्वारा नाम नहीं लिखाने के शर्त पर बताया गया है क्यो कि उक्त दोनो लोग गांव में अपने रसूख बनाकर चलते है उनके विरुद्ध जो भी बोलते है किसी न किसी तरीका से परेशान करते है एवं बृजमोहन डिक्सेना जो कि शासकीय शिक्षक के पद पर है मुझे जब भी आते-जाते देखता धमकी देते है कि तुमको गांव में रहने नहीं दूंगा निपटा दूंगा, मेरे अधिकारी और नेता से पहचान है मितानीन के पद से हटवा दूंगा।

पीड़ित महिला को अप्रिय घटाना का डर

, मेरी रोजी रोटी को छिनना चाह रहे है, कभी भी दोनो भाई मेरे साथ अप्रिय घटना घटित कर सकते है। उक्त लोग मुझे लगभग 10 वर्ष से परेशान कर रहे है, जिसकी शिकायत थाने में पूर्व कर चुकी हु। मेरे पति बाहर कमाने खाने चले जाते है मैं घर में अकेली रहती हूं इन लोगो से हर भय बना रहता है, जिसके कारण कारण मुझे थाना में शिकायत करनी पड़ रही है दोनो भाई अपने पद पावर का गलत फायदा उठा रहे है अब मेरे जान व इज्जत दोनो का खतरा है स्वयं या किसी अन्य के द्वारा मुझे नुकसान पहुंचाया जा सकता है।

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