पिथौरा शिविर में दिव्यांगजनों से दुर्व्यवहार, स्वास्थ्य विभाग पर उठे सवाल

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पिथौरा।
विकासखण्ड स्तरीय आकलन एवं चिन्हांकन शिविर (सत्र 2025-26) में महासमुंद जिला स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों द्वारा दिव्यांगजनों के साथ दुर्व्यवहार किए जाने का गंभीर मामला प्रकाश में आया है।

शिविर का आयोजन समावेशी शिक्षा के अंतर्गत कक्षा 1 से 12 तक के विद्यार्थियों के आकलन एवं चिन्हांकन हेतु किया गया था। किंतु उपस्थित कर्मचारियों के अमर्यादित एवं असंवेदनशील व्यवहार से दिव्यांगजन और उनके परिजन आहत हो गए। शिविर में कई पालकों को राहत मिली है कई लोगों का प्रमाण पत्र बनाकर दिया गया है।

शिविर में उपस्थित परिजनों का कहना है कि कर्मचारियों ने न केवल लापरवाही बरती बल्कि दिव्यांगजनों से अपमानजनक व्यवहार किया। इससे लोग निराश होते हुए लौट गए और शिविर का उद्देश्य अधूरा रह गया। शरीफ पाली से आए दिव्यांग जैन के माता-पिता ने बताया कि पहले के प्रमाण पत्र में 70% विकलांगता दर्शीयी गई थी परंतु अभी 10% कम कर दिया गया है इस पर वह आश्चर्य हुए।

ग्रामीणों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि—
“यह शिविर जनता की सेवा नहीं, सिर्फ़ दिखावे की दुकान है। इलाज तो बस नाम का है, असली धंधा तो मोटा बिल बनाने का चल रहा है।”

स्थानीय नागरिकों ने जिला प्रशासन से इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कर दोषी कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है, ताकि भविष्य में दिव्यांगजनों के साथ इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

सी एन आई न्यूज़ रिपोर्टर रमेश श्रीवास्तव पिथौरा

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