पुरी शंकराचार्यजी का आगामी वाराणसी एवं रायपुर में राष्ट्रोत्कर्ष अभियान

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अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

जगन्नाथपुरी – ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्द्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर एवं हिन्दुओं के सार्वभौम धर्मगुरु तथा हिन्दू राष्ट्र प्रणेता अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगदुरु शंकराचार्य पूज्यपाद स्वामी श्रीनिश्चलानन्द सरस्वतीजी महाराज परम्परागत रूप से श्री जगन्नाथ रथयात्रा के समय पुरी में उपस्थित रहते हैं। उनके द्वारा प्रथम पूजन के पश्चात रथयात्रा आगे प्रारंभ हुई। श्रीगोवर्द्धनमठ पुरी ओड़िशा से अपनी आगामी राष्ट्रोत्कर्ष अभियान में शंकराचार्यजी 10 जुलाई को पूर्वान्ह ग्यारह बजे नंदनकानन एक्स्प्रेस से रेलमार्ग द्वारा वाराणसी प्रस्थान करेंगे। दूसरे दिन 11 जुलाई को प्रातः लगभग साढ़े चार बजे दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन पहुंचकर सड़क मार्ग से संत नारायण सिंहजी के निवास श्रीविहराम विला शिवदासपुर काशी वैद्य पीठब्लाक रोड, मनदौदिहा पर 13 जुलाई तक प्रवास पर रहेंगे। निवास स्थान पर ही 11 एवं 12 जुलाई को सायं पांच बजे धर्म सभा आयोजित है जिसमें उपस्थित भक्तजनों को शंकराचार्यजी के श्रीमुख से आध्यात्मिक संदेश श्रवण करने का सौभाग्य सुलभ होगा तथा 12 जुलाई को प्रातः कालीन सत्र में दर्शन , दीक्षा एवं संगोष्ठी में धर्म , राष्ट्र और आध्यात्म से संबंधित जिज्ञासाओं का समाधान प्राप्त कर सकेंगे। यहां आयोजित सभी कार्यक्रमों की समाप्ति पश्चात महाराजश्री 13 जुलाई को मध्याह्न साढ़े बारह बजे वाराणसी जंक्शन से सारनाथ एक्स्प्रेस द्वारा रायपुर छत्तीसगढ़ के लिये प्रस्थान करेंगे। दूसरे दिन 14 जुलाई को प्रातः लगभग छह बजे रायपुर रेल्वे स्टेशन पहुँचकर सीधे श्री सुदर्शन संस्थानम् , रावांभाठा प्रस्थान करेंगे जहाँ , 18 जुलाई तक उनका प्रवास निर्धारित है। यहां 15 जुलाई को सायं साढ़े पांच बजे दर्शन , संगोष्ठी आयोजित है वहीं 16 जुलाई को पूर्वान्ह साढ़े ग्यारह बजे से दर्शन , दीक्षा और संगोष्ठी कार्यक्रम में उपस्थित सनातनी भक्तवृन्दों को धर्म, अध्यात्म और राष्ट्र से संबंधित जिज्ञासाओ के संबंध में मार्गदर्शन सुलभ होगा। रायपुर में आयोजित सभी कार्यक्रमों की समाप्ति पश्चात महाराजश्री 18 जुलाई को सायं चार बजे रायपुर रेल्वे स्टेशन से पुरी एक्स्प्रेस द्वारा पुरी ओड़िशा प्रस्थान करेंगे। श्रीगोवर्द्धनमठ पुरी में शंकराचार्यजी चातुर्मास्य समाप्ति तक निवासरत रहेगें , जहाँ पर प्रातः, सायं और रात्रि के विभिन्न सत्रों मेंं शंकराचार्यजी के श्रीमुख से शास्त्रोक्त ग्रंथों का अध्यापन वेदज्ञ संतों , शिष्यों को सुलभ होगा तथा उपस्थित भक्तजनों को दर्शन का सुअवसर भी प्राप्त होगा। चातुर्मास्य में राष्ट्रोत्कर्ष अभियान में विराम रहता है तत्पश्चात यह अभियान यात्रा सितम्बर माह से पुनः प्रारम्भ होना निर्धारित है।

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