सोनाडीह सीमेंट प्लांट के खिलाफ किसानों का आक्रोश, उग्र आंदोलन की तैयारी


मोहम्मद इक़बाल हनफी की रिपोर्ट
भाटापारा (छत्तीसगढ़):-सोनाडीह स्थित निको विस्टा कार्प लिमिटेड सीमेंट प्लांट द्वारा दस वर्षों से नहर प्रणाली में पुलिया न बनवाने को लेकर क्षेत्र के किसान भड़के हुए हैं। विधायक इन्द्र साव ने इस मामले में प्लांट प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए किसानों के साथ उग्र आंदोलन की रूपरेखा तैयार करने की बात कही है।
मामला 2015 का है, जब सीमेंट प्लांट द्वारा बनाई गई रेलवे साइडिंग लाइन ने भाटापारा शाखा नहर के बाएं छोर की वितरक नहर प्रणाली को काट दिया। इस रेलवे क्रॉसिंग पर चार स्थानों (आरडी 1980 मी., आरडी 2540 मी., आरडी 3930 मी. और खपरी माइनर पर आरडी 2810 से 2850 मी.) पर पुलिया (कैनाल क्रॉसिंग स्ट्रक्चर) का निर्माण नहीं किया गया। इस कारण नहर का पानी अंतिम छोर तक नहीं पहुंच पा रहा है।
इससे मोपकी, धनेली, चंदेली, सिल्वा, मोपका, बकुलाही, धौराभाठा, भरतपुर, भोथीडीह, खपरी और निपनिया सहित ग्यारह गांवों के किसान भाटापारा शाखा नहर के पानी का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं, जिससे उनके खेत सूखे रह जाते हैं और कृषि कार्य बुरी तरह प्रभावित हो रहा है।
विधायक इन्द्र साव ने नहर विभाग के अधिकारियों के साथ मौके का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पता चला कि नहर विभाग द्वारा पिछले दस वर्षों में कई बार पत्राचार और स्थल निरीक्षण कर पुलिया निर्माण की मांग की गई, लेकिन सीमेंट प्लांट प्रबंधन ने कोई ध्यान नहीं दिया।
श्री साव ने बताया कि उन्होंने सीमेंट प्लांट के अधिकारियों से इस बारे में बात की, लेकिन वे अनुत्तरदायी रहे और उनके पास कोई जवाब नहीं था। उन्होंने कहा कि सीमेंट प्लांट द्वारा क्षेत्र की आम जनता और किसानों के साथ छल किया गया है।
विधायक ने कहा कि प्रभावित ग्यारह गांवों के किसानों के साथ बैठक कर पुलिया निर्माण, क्षेत्रीय बेरोजगारों की उपेक्षा और प्लांट की फाउंडेशन द्वारा पर्याप्त विकास कार्य न कराए जाने के मुद्दों पर समीक्षा की जाएगी और आगे की रणनीति तय की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि जल्द ही इस मामले का समाधान नहीं निकाला गया तो किसान उग्र आंदोलन पर उतरेंगे।
