डॉ रमन सिंह से धारा 49 को विलोपित करने विधानसभा में सरकार से शासकीय संकल्प पारित कराने का आग्रह किया पेंशनरों ने

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सी एन आइ न्यूज-पुरुषोत्तम जोशी।
रायपुर-भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश का प्रतिनिधि मंडल ने राज्य पेंशनर्स के हित में आज विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह से उनके सरकारी आवास में प्रत्यक्ष भेंट कर चर्चा की और मध्यप्रदेश राज्य पुनर्गठन अधिनियम 2000 की धारा 49 (6) को विलोपित करने हेतु छत्तीसगढ़ विधानसभा में मानसून सत्र में राज्य सरकार से शासकीय संकल्प पारित कराने हेतु उन्हें निर्देशित करने का आग्रह कर ज्ञापन सौंपा।प्रतिनिधि मंडल में प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव के अगुवाई मेंअनिल गोलहानी, प्रवीण त्रिवेदी, ए के दीक्षित,अनिल पाठक, आर जी बोहरे, आदि शामिल रहे और चर्चा में भागीदारी निभाई।
इस अवसर पर डॉ रमन सिंह को अवगत कराया गया कि छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के बाद से छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश के लाखों पेंशनर और परिवार पेंशनर धारा 49 के कारण स्वत्त्वों भुगतान को लेकर लगातार आर्थिक नुकसान उठा रहे हैं। इसे विलोपित करने की मांग को लेकर पेंशनर्स वर्षों से संघर्ष कर रहे हैं और सरकार का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं, परंतु सरकार इसे लेकर मौन साधे हुए हैं। मुख्यमंत्री, वित्तमंत्री, मुख्य सचिव तथा वित्त सचिव को कई कई बार ज्ञापन दे चुके हैं परंतु सरकार इसे संज्ञान में नहीं ले रहा है। जिसके कारण छत्तीसगढ़ राज्य के पेंशनर्स आर्थिक नुकसान उठा रहे है चूंकि धारा 49 गृह मंत्रालय भारत शासन का अधिनियम होने के कारण दिनांक 27/8/23 को माननीय गृह मंत्री श्री अमित शाह जी के छत्तीसगढ़ प्रवास पर पेंशनर्स महासंघ के आग्रह पर इस धारा को विलोपित करने आपके द्वारा पत्र भी लिखा जा चुका है।हाल ही में महासंघ को जानकारी मिली है कि केंद्रीय एक्ट होने के कारण दोनों राज्यों के सहमति से ही इस एक्ट को हटाया जाना संभव है। इसके लिए दोनों राज्य में विधानसभा में सरकार द्वारा शासकीय संकल्प पारित करने से ही इस एक्ट से राज्य के पेंशनरों को छुटकारा मिल सकता है।
प्रतिनिधि मंडल ने डॉ रमन सिंह से छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में शासकीय संकल्प लाकर पारित कराने हेतु राज्य के संसदीय कार्य मंत्री को जरूरी निर्देश देने का आग्रह किया। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने डॉ रमन सिंह को बताया कि धारा 49 के विलोपित होने से मध्यप्रदेश के लगभग 5 लाख से अधिक और छत्तीसगढ़ के लगभग 1 लाख से अधिक पेंशनरों और परिवार पेंशनरों को धारा 49 के कारण महंगाई राहत (डीआर) के लिए दोनों राज्यों के बीच सहमति के कारण होनेवाली विलंब से राहत मिलेगी और दोनों राज्य स्वतंत्र रूप से निर्णय लेने में सक्षम हो सकेंगे। धारा 49 के कारण पेंशनरों को स्वत्वों के भुगतान में 74: 26 के अनुपात में बजट आबंटन के कारण मध्यप्रदेश के लगभग 5 लाख से अधिक पेंशनरों को 26% राशि देने से वित्त सचिव छत्तीसगढ़ शासन के अनुसार राज्य को प्रतिवर्ष 2000 करोड़ से अधिक राशि का नुकसान हो रहा है। उसमें बचत होगी और सरकार को राज्य के विकास के लिए अधिक राशि मिलेगी। इसलिए इस मामले को संज्ञान में लेकर छत्तीसगढ़ सरकार में मुख्य मंत्री, वित्त मंत्री तथा सदस्यीय कार्य मंत्री को आवश्यक निर्देश देकर मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ राज्य के लगभग 6 लाख पेंशनरों के साथ न्याय कर राहत प्रदान करने का अनुरोध किया गया।

वीरेन्द्र नामदेव
प्रांताध्यक्ष ।

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