खरोरा में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर संगोष्ठी: ‘एक देश, एक विधान, एक निशान’ के संकल्प को किया याद

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खरोरा में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर संगोष्ठी: ‘एक देश, एक विधान, एक निशान’ के संकल्प को किया याद

खरोरा,
23 जून 2025: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने सोमवार को खरोरा के बूथ क्रमांक 77 स्थित बूथस्तर कार्यक्रम में डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर एक भव्य संगोष्ठी का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राण न्योछावर करने वाले डॉ. मुखर्जी के योगदान को श्रद्धापूर्वक याद किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. मुखर्जी के तैलचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने और दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। संगोष्ठी में उपस्थित वक्ताओं ने उनके जीवन, संघर्ष और बलिदान पर प्रकाश डाला, साथ ही उनके आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प दोहराया।

डॉ. मुखर्जी का बलिदान: राष्ट्र की एकता का प्रतीक
पूर्व मंडल अध्यक्ष नरेंद्र सिंह ठाकुर ने अपने संबोधन में कहा, “डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने राष्ट्र की एकता और अखंडता को सर्वोपरि मानते हुए ‘एक देश, एक विधान, एक निशान, एक प्रधान’ का संकल्प लिया। उनके इस सपने को साकार करने के लिए उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी।” ठाकुर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अनुच्छेद 370 और 35A को समाप्त कर उनके बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि दी गई है।

भारतीय जनसंघ की स्थापना और उनका नारा
पूर्व अध्यक्ष अनिल सोनी ने डॉ. मुखर्जी के योगदान को रेखांकित करते हुए कहा, “1951 में डॉ. मुखर्जी ने भारतीय जनसंघ की स्थापना की, जो आज भाजपा के रूप में देश की सबसे बड़ी राजनीतिक शक्ति है। उनका नारा ‘दो निशान, दो प्रधान, दो विधान नहीं चलेंगे’ कश्मीर को भारत के साथ पूर्ण रूप से एकीकृत करने की उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति का प्रतीक था। यह सपना आज मोदी सरकार के प्रयासों से पूरा हुआ है।”

रहस्यमयी परिस्थितियों में निधन
नगर पंचायत उपाध्यक्ष सुमित सेन ने डॉ. मुखर्जी के बलिदान की पृष्ठभूमि को साझा करते हुए कहा, “11 मई 1953 को परमिट सिस्टम का विरोध करते हुए डॉ. मुखर्जी ने कश्मीर में प्रवेश किया, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। 23 जून 1953 को जेल में रहस्यमयी परिस्थितियों में उनका निधन हो गया। उनका बलिदान राष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति थी, लेकिन उनके विचार आज भी हमें प्रेरित करते हैं।”

प्रखर राष्ट्रभक्त और कुशल राजनीतिज्ञ
राज्य मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने डॉ. मुखर्जी को एक प्रखर राष्ट्रभक्त और कुशल राजनीतिज्ञ बताते हुए कहा, “उनका जीवन और बलिदान हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने देश की एकता के लिए जो रास्ता दिखाया, वह आज भी हमें दिशा देता है।”

कार्यकर्ताओं ने लिया संकल्प
संगोष्ठी में पूर्व मंडल अध्यक्ष नरेंद्र ठाकुर, पूर्व अध्यक्ष अनिल सोनी, नगर पंचायत उपाध्यक्ष सुमित सेन, महामंत्री दुलेश साहू, दीपक धनकर, पार्षद पंचराम यादव, पार्षद मनीषा कोशले,बलराम पारधी, बिसौहा देवांगन,ललित टंडन, उमाशंकर यादव, परस देवांगन, लाला सिंहा, पार्षद तामेश्वर मरकाम, श्रवण भोई, कन्हैया यादव , सावन पमवानी सहित अनेक कार्यकर्ता शामिल हुए। सभी ने डॉ. मुखर्जी के आदर्शों को आत्मसात कर राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का संकल्प लिया।

रिपोर्टर रोहित वर्मालोकेशन खरोरा

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