निर्जला एकादशी के दिन महिला मारवाड़ी समाज द्वारा राहगीरों को ठंडा लस्सी का किया गया वितरण।

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निर्जला एकादशी के दिन महिला मारवाड़ी समाज द्वारा राहगीरों को ठंडा लस्सी का किया गया वितरण।

महिला मारवाड़ी समाज के अध्यक्ष सरला बंसल के नेतृत्व में पिथौरा मारवाड़ी समाज के द्वारा वन विभाग की दुर्गा मंदिर के पास राहगीरों को ठंडा लस्सी का वितरण किया गया। जिसमें महिला मारवाड़ी समाज के अंजू अग्रवाल मंजू अग्रवाल रानू अग्रवाल विनीता गोयल आशा निर्मला रिंकी मनीषा खुशबू अग्रवाल शामिल हुई।

इस प्रकार के कार्य से समाज में अच्छा संदेश जाता है और समाज के प्रति सहयोग की भावना अन्य लोगों में जागृत होती है
निर्जला एकादशी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान विष्णु की पूजा और व्रत के लिए मनाया जाता है। इस एकादशी का महत्व इस प्रकार है:

निर्जला एकादशी का महत्व:

  1. पापों का नाश: निर्जला एकादशी के व्रत से पापों का नाश होता है और व्यक्ति को पुण्य की प्राप्ति होती है।
  2. स्वास्थ्य लाभ: इस व्रत से स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं, जैसे कि पाचन तंत्र की शुद्धि और शरीर की सफाई।
  3. आध्यात्मिक विकास: निर्जला एकादशी के व्रत से आत्मा की शुद्धि होती है और आध्यात्मिक विकास में मदद मिलती है।

निर्जला एकादशी के व्रत के नियम:

  1. निराहार व्रत: इस दिन निराहार व्रत रखना चाहिए, जिसमें जल का सेवन भी नहीं किया जाता है।
  2. पूजा और आरती: भगवान विष्णु की पूजा और आरती करनी चाहिए।
  3. जप और ध्यान: जप और ध्यान करना चाहिए और भगवान विष्णु के नाम का स्मरण करना चाहिए।

निर्जला एकादशी का व्रत रखने से व्यक्ति को आध्यात्मिक और भौतिक लाभ होते हैं। यह व्रत व्यक्ति को आत्म-संयम और अनुशासन की शिक्षा देता है और भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त करने में मदद करता है।

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