श्रीसुदर्शन संस्थानम् में आयोजित हुआ अन्नकूट महोत्सव

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

रायपुर – दीपोत्सव पर्व दीपावली के बाद गोवर्द्धन पूजा एवं अन्नकूट महोत्सव का हमारे सनातन संस्कृति में विशेष महत्व है। पर्यावरण संतुलन एवं संरक्षण में नदी , नाले , जंगल एवं पर्वतों का विशेष स्थान है। पुरी शंकराचार्यजी भी स्थावर जंगम सभी प्राणियों का प्रकृति के साथ संतुलित समन्वय के आधार पर ही जीवन के अस्तित्व की शाश्वत सत्यता का संदेश प्रसारित करते हैं। इस महत्ता को प्रतिपादित करने द्वापर युग में भगवान् श्रीकृष्ण ने अन्नकूट महोत्सव एवं गोवर्द्धन पूजा की शुरुआत करते हुये हमारे जीवन में पर्वतों की उपयोगिता को सिद्ध किया था। साथ ही गोपालन , गोवंश संरक्षण , गोवंश संवर्द्धन , गोमाता से प्राप्त दूध , दही , घी का मानव जीवन में आहार के रूप में उपयोग तथा गोवंश का कृषि , परिवहन आदि के रूप में उपयोग दोनों के परस्पर समन्वय को ख्यापित करता है। भारत वर्ष के प्रत्येक क्षेत्र में यह महोत्सव प्रति वर्ष आयोजित होता रहा है। पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्द्धनमठ पुरी ओड़िशा में समृद्ध गोशाला संचालित है , जहाँ भारतीय नस्ल के गोवंश का संरक्षण तथा संवर्द्धन होता है। पुरी पीठ में अन्नकूट महोत्सव तथा गोवर्द्धन पूजा प्रति वर्ष की भांति परंपरा एवं उत्साह पूर्वक मनाया गया। इसी क्रम में श्रीगोवर्द्धनमठ पुरी पीठ से संबद्ध श्रीसुदर्शन संस्थानम् रावाभांठा रायपुर में दीपोत्सव पर्व के बाद अन्नकूट महोत्सव एवं गोवर्द्धन पूजा आयोजित हुई। इस अवसर पर गोशाला में गोसेवा गोपूजा , हनुमान चालीसा पाठ के साथ आरती की गई। वहीं गोमाताओं को गोभोजन कराने के पश्चात उपस्थित भक्तों ने सामूहिक रूप से भोजन प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर आनन्दवाहिनी राष्ट्रीय संयोजिका श्रीमती सीमा तिवारी , छत्तीसगढ़ आदित्यवाहिनी अध्यक्ष टीकाराम साहू , रायपुर पश्चिम पीठ परिषद् अध्यक्ष के० एन० मिश्रा , पारस ठाकुर , वीरगांव पार्षद संतोष साहू तथा ग्राम धनेली से पूर्णानंद पांडेय , धनेश्वर पांडेय , विमल दुबे , रोशनी पांडेय , प्रिया ठाकुर , कृष्णा तिवारी , रुद्र कृष्ण महाराज एवं धर्मसंघ पीठ परिषद् , आदित्यवाहिनी – आनन्दवाहिनी के असंख्य सदस्य गण उपस्थित रहे। इसी कड़ी में पूरे छत्तीसगढ़ प्रांत से भी अन्नकूट महोत्सव आयोजित होने की सूचना प्राप्त हुई है।

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