“राष्ट्रीय सेवा योजना सिखाती है जीवन जीने की कला – डॉ. मधुकर”

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“शिविर में बौद्धिक परिचर्चा कार्यक्रम में होता है विविध विषयों पर परिचर्चा एवं संवाद”

जांजगीर:- शासकीय टी. सी. एल. स्नातकोत्तर महाविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय शिविर सूर्यांश इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल सूर्यांश विद्यापीठ, सिवनी (नैला) में आयोजित किया गया है। शिविर के छठवें दिन स्वयंसेवकों द्वारा प्रातः प्रभात रैली निकाली गई उसके बाद स्वयंसेवकों द्वारा योग अभ्यास किया गया एवं परियोजना कार्य के अंतर्गत सोखता गड्ढे का निर्माण किया गया।

बौद्धिक परिचर्चा कार्यक्रम में महाविद्यालय के वाणिज्य विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. एस.के. मधुकर ने स्वयंसेवकों का मार्गदर्शन करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना में जुड़ने के बाद जीवन में अनेक बदलाव होते हैं। इन बदलावों के संबंध में उन्होंने विस्तार पूर्वक चर्चा किया। माइक्रोबायोलॉजी के विभाग अध्यक्ष डॉ. के. के. पटेल ने राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा स्वयं सेवकों के व्यक्तित्व विकास की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला गया। ओमप्रकाश सिंह ने डिजिटल साक्षरता के महत्व पर प्रकाश डाला। सहायक प्राध्यापक राजेश दुबे ने कैरियर निर्माण में राष्ट्रीय सेवा योजना के योगदान की चर्चा किया। प्रो. आदेश प्रजापति ने राष्ट्रीय सेवा योजना के महत्व पर प्रकाश डाला। बौद्धिक परिचर्चा में उपस्थित महिला बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक प्रीति सिंह ने महिला एवं बाल विकास विभाग से संबंधित विभिन्न प्रकार की योजनाओं पर प्रकाश डाला।

बौद्धिक परिचर्चा में शासकीय जाजल्यदेव नवीन कन्या महाविद्यालय जांजगीर के राष्ट्रीय सेवा योजना कार्यक्रम अधिकारी डॉ. हरप्रीत कौर ने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए संचार कौशल (कम्युनिकेशन स्किल) की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए “राष्ट्रीय सेवा योजना” में कम्युनिकेशन स्किल के विकास की अपार संभावनाओं के संबंध में चर्चा किया। प्रो. प्रतिभा सिंह चंदेल ने शिविर के सफलतापूर्वक आयोजन हेतु छात्र-छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए शिविर में नैतिकता बनाए रखने पर बल दिया। राजनीति विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. कोमल शुक्ला ने राष्ट्रीय सेवा योजना के विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। जंतु विज्ञान के प्राध्यापक प्रो. नीलेश मिश्रा ने सामाजिक जीवन में राष्ट्रीय सेवा योजना की महत्व पर बल देते हुए स्वयंसेवकों को प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित जानकारी प्रदान कर बेहतर प्रदर्शन के लिए प्रेरित किया और प्रेरणादायक गीत सुनाया। संस्कृत की विभागाध्यक्ष धनेश्वरी पटेल ने समस्त अतिथियों के आगमन पर स्वागत भाषण दिया‌‌।बौद्धिक परिचर्चा के अंत में कार्यक्रम अधिकारी श्री राजेश कुमार चंद्रा ने समस्त अतिथियों का आभार प्रदर्शन किया। इस अवसर पर गुप्तेश्वर आदिले, समीर बघेल, सूरज कश्यप, लकी फरिश्ता, शंकर हंसराज, प्रवीण हंसराज, विष्णु सारथी चांदनी चन्द्रा, शिवानी सिंह, आदि स्वयंसेवक उपस्थित थे।

जांजगीरविक्रम कुमार सूर्यवंशी की रिपोर्ट”

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