ग्राम सासाहोली में माता पहुंचनी धुमधाम व हर्षोउल्लास पूर्वक मनाया गया ,

शितला मंदिर में श्रद्लुओं की लंबी कतार लगी थी
अजय नेताम / तिल्दा नेवरा > ग्राम सासाहोली में दिन गुरुवार को माता पहुंचनी का पर्व धूम धाम व हर्षो उल्लास पूर्वक सेवा समिती व वार्डवासियों द्वारा मनाया गया । अषाड़ महिने में शितला मंदिर में माता पहुंचनी का पर्व मनाते है। सुबह से लेकर देर शाम तक श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। माता पहुंचनी में श्रद्धालुओं द्वारा जो घरो में माता के नाम से रखे श्री फल के साथ चावल दाल नमक नीम पत्ते के साथ हल्दी पानी एवंअन्य समाग्री माँ शितला में माता पहुंचनी कर अर्पित करते है। श्रद्धालुओं द्वारा माँ शितला की पुजा पाठ कर गांव की महिलाओं ने अपने अपने परिवार व गांव की सुख समृद्धि व खुशहाल जीवन की कामना की गई । शाम से ही माता की जुड़वास माता पहुंचनी के लिए सेवा समितियों द्वारा मांदर व झांझ मंदिरा के थाप पर सेवुक द्वारा सेवा जसगित गायन कर माँ शितला से आशिर्वाद प्राप्त किया। माता पहुंचनी में माँ शितला को हल्दी पानी तेल एवं अन्य साम्रागी द्वारा हल्दी का लेपन , पानी का छिड़कवा किया जाता है। भक्तो जनो को प्रसाद वितरण किया गया एवं , हल्दी पानी का छिड़काव भक्तजनों को गांव के बैगा द्वारा किया गया । एवं ग्रामीणों द्वारा पुजा अर्चना करने के उपरांत हल्दी पानी भी घर में छिड़काव के लिए ले जाते है। और अपने परिवार के सभी सदस्यों को हल्दी पानी का छिड़का किया जाता है। जो की माँ के आशिर्वाद से अनेकों बिमारी दूर हो जाती है। माता के प्रति ध्यान आकर्षित कर अपने परिवार सहित गांव की सुख समृद्धि की कामना माँ शितला से करते है। इसी तारम्य पर प्रतिवर्षानुसार अषाड़ महिने के गुरुवार के दिन माँता पंहूचनी का पर्व धूमधाम व हर्षोल्लास उल्लास पूर्वक समितियों के सदस्यों व ग्रामवासियों द्वारा मनाया गया । माँ शितला मंदिर के देखरेख व विधिवत पुजा अर्चना बैंगा के द्वारा ही किया जाता है। बैंगा का मानना है। की अषाड़ महिने के बरसात में यानी (चिकन पॉस्का ) बिमारी का प्रकोप न फैले जिससे की प्रतिवर्ष माता पहुंचनी का पर्व ग्रामीणों व सेवा शितला समिती के सदस्यो द्वारा उत्साह पूर्वक मनाया जाता है। मॉ शितला से ग्रामीणों द्वारा पूजा पाठ कर प्रतिवर्षानुसार हर वर्ष माता पहुंचनी का पर्व धूमधाम व हर्षो उल्लास पूर्वक ग्रामीणों व सेवा समिती के सदस्यों द्वारा मनाया जाता है।

