किसान कांग्रेस के प्रदेश सचिव संजय सिन्हा ने आज पिथौरा धान खरीदी केंद्र पिथौरा सोसायटी का निरीक्षण किया तथा धान खरीदी में लिमिट कम करने का गम्भीर आरोप भाजपा सरकार पर लागाया

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पिथौरा:- किसान कांग्रेस के प्रदेश सचिव संजय सिन्हा ने आज पिथौरा धान खरीदी केंद्र पिथौरा सोसायटी का निरीक्षण किया तथा धान खरीदी में लिमिट कम करने का गम्भीर आरोप भाजपा सरकार पर लागाया, किसान नेता संजय सिन्हा ने छत्तीसगढ में हो रहे धान खरीदी के लचर व्यवस्था एवं खरीद प्रणाली को लेकर प्रदेश की भाजपा की साय सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में धान खरीदी लगभग 18 दिन से भी अधिक समय बीत चुके हैं।किंतु सरकार की गलत नीतियों के कारण खरीद केंद्र में लिमिट बहुत ही कम होने के कारण किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।साथ ही टोकन को लेकर भी समस्या आ रही।आन लाइन टोकन में कम लिमिट दिखाई देने व आन लाइन में हो दिक्कतें भी परेशान कर रही।तीस प्रतिशत समिति द्वारा टोकन काटा जाना है वह भी सही नहीं हो रहा है। किसानों को अपने वाजीब फसल को विक्रय करने में जद्दोजहद करना पड़ रहा है।खरीदी की लिमिट कब बढ़ाया जाएगा इसका कोई जवाब नहीं दे रहा है।

तेईस के चुनाव में प्रदेश की साय सरकार प्रदेश के किसानों से जो वायदे किए थे उससे पिछे भाग रही है। किसान आज अपने आप को ठगा सा महसूस कर रही है पूर्वर्ती भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार को याद कर रही है।किसान कांग्रेस नेता संजय सिन्हा ने आघे अपने विज्ञप्ति में कहा कि इस बार किसानों को धान बेचने के लिए टोकन काटने को जूझना पड़ रहा है तुंहर एप सिमित समय के लिये खुलता हैं और चंद मिनटों में ही बंद हो जाता है, दरअशल सुबह निर्धारित समय मे कुछ देर के लिये ही एप खुलता है इस समय सभी किसान टोकन के लिए प्रयाश करते हैं,इसमे कुछ ही किसान सफल हो पाते और बमुश्किल दो से चार मिनट में एप बन्द हो जाता है यही वजह है कि ज्यादातर किसान चॉइस सेंटर में जाकर टोकन के लिए लाइन लगाने को मजबूर हैं पूरे प्रदेश में यही तसवीर नजर आ रही है किसान कांग्रेस के प्रदेश सचिव संजय सिन्हा तत्काल महासमुंद जिले के जिला खाद्य अधिकारी अजय यादव से दूरभाष से चर्चा किये व पूर्व की कांग्रेस की भूपेश बघेल की सरकार में कोई किसान परेशान नही थे जबकि अभी वर्तमान भाजपा के साय सरकार से पूरे प्रदेश के किसान परेशान हैं व किसान नेता सिन्हा ने कहा कि खरीदी की लिमिट शीघ्र बढाने को कहा है अगर नही बढ़ता है लिमिट तो सभी किसान आंदोलन करने को मजबूर हो जाएंगे इसकी सम्पूर्ण जवाबदार शाशन प्राशाशन की होगी!

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