सभी पुलिसकर्मियों को सायबर की बेसिक जानकारी होना आवश्यक है – आईजी डॉ.संजीव शुक्ला
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
बिलासपुर – सायबर क्राईम के पीड़ितों को समय पर राहत प्रदाय करने के लिये बिलासपुर रेंज के जिलों के थानों में पदस्थ चुने हुये आरक्षक व प्रधान आरक्षकों के लिये आज एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन डॉ.संजीव शुक्ला पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज – बिलासपुर के निर्देशन / मार्गदर्शन में ‘‘चेतना भवन’’ रक्षित केन्द्र बिलासपुर में आयोजित किया गया। सायबर कार्यशाला का शुभारंभ डा. संजीव शुक्ला पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर एवं रजनेश सिंह पुलिस अधीक्षक बिलासपुर की गरिमामय उपस्थिति में हुआ। प्रारंभिक उद्बोधन में रजनेश सिंह द्वारा सायबर प्रशिक्षण के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुये प्रशिक्षणार्थियों को सायबर क्राईम से जुड़े मामलों की तकनीकी जानकारी के साथ साक्ष्य संकलन , सीडीआर. विश्लेषण इत्यादि का प्रशिक्षण लेकर थानों में सायबर क्राईम पीड़ितों की मदद करने हेतु कहा गया। इस अवसर पर डॉ. संजीव शुक्ला ने प्रशिक्षणार्थियों को सम्बोधित करते हुये कहा कि वर्तमान में परंपरागत अपराधों की तुलना में सायबर से जुड़े मामले अधिक हो रहे हैं , परिणामस्वरूप हर थाने में सायबर की जानकारी रखने वाले पुलिस कर्मचारियों को रखना आवश्यक है। इस बात को ध्यान में रखते हुये जिले के थानों से कम्प्यूटर की जानकारी रखने वाले आरक्षक/प्रधान आरक्षकों को चुना जाकर प्रशिक्षण हेतु बुलाया गया है , प्रशिक्षण उपरांत थाने में इन्हे सायबर नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करना है। आईजी ने आगे कहा कि पुलिस के सामने वर्तमान समय में सायबर अपराध सबसे बड़ी चुनौती है जो तेजी से नये – नये तरीकों के साथ व्यापक रूप से बढ़ रहा है। इसकी विवेचना वही कर पायेगा जो सायबर का ज्ञान रखेगा , इसलिये हर थाने में सभी कर्मचारियोंं को सायबर की बेसिक जानकारी रखना आवश्यक है। क्योंकि सायबर ठगी में ठगी के पैसे वापस प्राप्त करने के लिये जो गोल्डन हॉवर होता है , वह बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। यदि इस समय सही प्रकिया अपनायी जाये तो ठगी का पैसा वापस कराया जा सकता है। इस दृष्टिकोण से थाने में कम से कम एक सायबर जानकार का होना बहुत आवश्यक हो गया है , इसलिये यह प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। इस सायबर कार्यशाला में पीड़ितों के पुलिस थाना उपस्थित होने पर की जाने वाली प्राथमिक कार्यवाही के साथ – साथ सायबर क्राईम की विवेचना किस प्रकार की जानी चाहिये , ओपन सोर्स इंटेलीजेंस से किस प्रकार जानकारी प्राप्त की जानी चाहिये , सायबर पोर्टल के उपयोग का तरीका और डिजीटल एविडेंस कलेक्ट कर न्यायालय में प्रस्तुत किये जाने के संबंध में जानकारी दी गई। इसके अतिरिक्त विवेचना के दौरान प्राप्त रिपोर्ट का अध्ययन व विश्लेषण किस तरह से किया जाता है , यह भी बताया गया। जिससे प्रकरणों में सही तरीके साक्ष्यों का प्रस्तुतिकरण किया जाकर अपराधियों को सजा दिलाई जा सके। सायबर कार्यशाला में श्रीमती दीपमाला कश्यप जोनल पुलिस अधीक्षक विशेष शाखा बिलासपुर , अनुज कुमार अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बिलासपुर , प्रभाकर तिवारी उप निरीक्षक सायबर शाखा बिलासपुर सहित सायबर मामलों के जानकार विक्कू सिंह , चिरंजीव कुमार एवं विकास राम ने प्रशिक्षणार्थियों को प्रशिक्षित किया गया। बिलासपुर रेंज के जिला बिलासपुर के 17 , रायगढ़ के 14 , कोरबा के 24 , जांजगीर-चांपा के 18 , मुंगेली के 17, गौ.पे.म. के 04 , सारंगढ़-बिलाईगढ़ के 10 एवं जिला सक्ती के 14 कुल के 122 कर्मचारी इस प्रशिक्षण से लाभान्वित हुये। ये सभी सायबर प्रशिक्षित प्रधान आरक्षक / आरक्षक सायबर क्राईम पीड़ितों की थाना स्तर पर ही सहायता कर सकेंगे। प्रशिक्षण में अंतिम भाग में प्रशिक्षणार्थियों से फीडबैक प्राप्त किया गया तथा प्रशिक्षण से जुड़े विषयों पर परीक्षा लेकर 10 प्रशिक्षणार्थियों को पुलिस महानिरीक्षक बिलासपुर रेंज द्वारा नगद पुरस्कार से पुरस्कृत किया गया।