धड़ल्ले से चल रहा है रेत का अवैध उत्खनन माफिया ने अवैध खनन कर अरपा नदी की दशा बिगाड़ दी
धड़ल्ले से चल रहा है रेत का अवैध उत्खनन माफिया ने अवैध खनन कर अरपा नदी की दशा बिगाड़ दी
जिला ब्यूरो सुरेंद्र मिश्रा
बेलगहना में बालू तस्करों का एक बड़ा माफिया सरगना काम कर रहा है और उनकी इस अनैतिक सक्रियता से बेलगहना की नदियों के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है अरपा नदियों का दोहन कोई नया काम नहीं है.यह लंबे समय से चलता आ रहा है.जब जिसका मन चाहता है वह अपनी गाड़ी लेकर आ जाता है और नदी को खोद कर वहां से बालू उठाकर लेकर चल देता है. अगर आकड़ों में यह गिना जाए तो रोज अरपा नदियों से 150 से 200 ट्रेक्टर व 30.40 ट्रक बालू जिले के अलावा अन्य प्रातों को बेचा जा रहा है. यह छत्तीसगढ़ सरकार के हिस्से की वह कमाई है,जिसे ठेकेदार,रसूखदार व अन्य प्रांत वाले खुशी-खुशी अपने हक में उपयोग कर रहे हैं.
हर रेत खदानों पर स्थानीय माफिया सक्रिय हैं। कुछ में स्थानीय जनप्रतिनिधि भी शामिल हैं। रेत का अवैध उत्खनन कर सीधे निजी कंपनियों व सरकारी निर्माण स्थलों में ठेकेदारों को सप्लाई करते हैं। वहीं दूर-दूर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए छोटे-छोटे सप्लायर हैं। प्रति ट्रैक्टर 1500 से 2000 रुपए में देते हैं और डंपर के लिए 10.000 से 15.000 हजार रुपए तक देते हैं। जब आम पब्लिक इन खदानों में सीधे रेत लेने पहुंचती है तो उन्हें रेत नहीं दी जाती है। ज्यादा चाहिए हो तो ये माफिया रेत खुद सप्लाई करते हैं और कम माल की जरूरत हो तो अपने एजेंटों का नंबर देते हैं।
रेत माफिया ने अवैध खनन कर अरपा नदी की दशा बिगाड़ दी है। माफिया अरपा नदी में जगह-जगह पोकलेन व जेसीबी मशीन से दिन रात रेत का अवैध खनन कर रहे हैं। अरपा नदी मे खोंगसरा पहन्दा कोंचरा रतखंडी अवैध रेत उत्खनन का सबसे बड़ा अड्डा बन चुका है।अवैध रेत खुदाई के मामले में रसूखदारों की मनमानी चल रही है,अरपा नदी से ट्रैक्टर,ट्रक व जेसीबी के माध्यम से हर रोज सैकड़ों गाडिय़ां रेत निकाल रहे हैं। नदी से खुलेआम अवैध खुदाई कर तस्कर शासन को राजस्व का नुकसान पहुंचा रहे हैं और खनिज विभाग को इसकी जानकारी होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।