दोषमुक्ति प्रकरणों की समीक्षा हेतु आईजी गर्ग ने ली अभियोजन अधिकारियों की बैठक

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अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

दुर्ग – पुलिस महानिरीक्षक दुर्ग रेंज रामगोपाल गर्ग (भापुसे.) की अध्यक्षता में पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय के सभागार कक्ष में दोषमुक्ति प्रकरणों की समीक्षा एवं विश्लेषण हेतु उप संचालक अभियोजन तथा लोक अभियोजन अधिकारियों की बैठक संपन्न हुई। बैठक के दौरान माननीय न्यायालयों द्वारा आपराधिक प्रकरणों में आरोपियों को दोषमुक्त किये जाने के कारणों की गहन समीक्षा की गई। अभियोजन पक्ष द्वारा इस पर प्रकाश डाला गया कि विवेचना के दौरान तथ्यान्वेषण की त्रुटियाँ , साक्ष्य संकलन में लापरवाही तथा गवाहों/प्रार्थियों के पक्षद्रोही हो जाने जैसी परिस्थितियाँ दोषमुक्ति के प्रमुख कारण हैं। इस पर पुलिस महानिरीक्षक महोदय द्वारा बताया गया कि विवेचकों को प्रकरणों के प्रार्थी एवं गवाहों से निरंतर संवाद बनाए रखते हुये उन्हें उनके पूर्व कथनों पर दृढ़ रहने हेतु प्रेरित किया जाये , ताकि वे न्यायालय में निर्भीक एवं स्वतंत्र रूप से साक्ष्य प्रस्तुत कर सकें। इससे अभियुक्तों के विरुद्ध प्रभावी अभियोजन सुनिश्चित हो सकेगा। आईजी गर्ग ने यह भी स्पष्ट कहा कि नवीन आपराधिक प्रक्रिया संहिता के तहत अभियोजन अधिकारी किसी भी प्रकरण में आरोपी द्वारा बार-बार स्थगन लेने पर आपत्ति व्यक्त करने हेतु अभियोजन अधिकारियों से चर्चा की गई है , जिसमे आरोपियों द्वारा पेशी तारीखें बढ़वाने का प्रयास किया जाता है या पेशी में अनुपस्थित रहते है तो अभियोजन पक्ष को न्यायालय के समक्ष आपत्ति प्रस्तुत करनी होगी , जिससे प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण सुनिश्चित किया जा सके।इस महत्वपूर्ण बैठक में संयुक्त संचालक अभियोजन दुर्ग एस.एस. ध्रुव , उप संचालक दुर्ग श्रीमती अनुरेखा सिंह , उप संचालक बालोद प्रेमेंद्र बैसवाड़े , उप संचालक बेमेतरा श्रीमती कंचन पाटिल , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दुर्ग श्रीमती पद्मश्री तंवर , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बालोद अशोक जोशी , उप पुलिस अधीक्षक श्रीमती शिल्पा साहू , उप पुलिस अधीक्षक बेमेतरा श्रीमती कौशल्या साहू , उप निरीक्षक राजकुमार प्रधान , डाटा एंट्री ऑपरेटर श्रीमती तेजस्वी गौतम तथा पुलिस पी.आर.ओ. प्रशांत कुमार शुक्ला उपस्थित रहे।

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