गुप्त नवरात्रि विशेषदूसरा नवरात्र, माॅं ब्रह्मचारिणी,सच्चे मन से पूजा करने से पूर्ण होती है मनोकामना । सी एन आइ न्यूज-पुरुषोत्तम जोशी।

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गुप्त नवरात्रि के दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की कथा का पाठ करना भी शुभ माना जाता है। ‘ब्रह्म’ का अर्थ तपस्या है और ‘चारिणी’ का अर्थ आचरण करने वाली। इसलिए मां ब्रह्मचारिणी तप का आचरण करने वाली देवी हैं। उनकी पूजा से यम, नियम के बंधन से मुक्ति मिलती है।

उनकी पूजा और आराधना करने से साधक को समस्त प्रकार के सुख मिलते हैं, रोग दूर होते हैं और शांति मिलती है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से हर क्षेत्र में सफलता और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। मां ब्रह्मचारिणी को ज्ञान और तप की देवी कहा जाता है।

भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त करने के लिए मां पार्वती ने कठोर तपस्या की थी। सफेद साड़ी धारण करे मां मां ब्रह्मचारिणी के दाएं हाथ में माला और बाएं हाथ में कमंडल है। उनके पूजन से भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं।

मां ब्रह्मचारिणी का बीज मंत्र

इसके बाद मां ब्रह्मचारिणी को प्रसन्न करने के लिए 108 बार उनके बीज मंत्र ‘ह्रीं श्री अम्बिकायै नमः’ का जाप करें। इसके अलावा ‘या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:’ मंत्र का जाप करना भी बेहद शुभ माना जाता है।सी एन आइ न्यूज-पुरुषोत्तम जोशी।गुप्त नवरात्र के दूसरे दिन देवी दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है।

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