झारखंड के राज्यपाल तथा केन्द्रीय मंत्री महिला एवं बाल विकास राष्ट्रीय पोषण माह 2024 के समापन समारोह में शामिल हुए तथा 11 हजार सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र का किया लोकार्पण
– जिले के सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र भोथीपारखुर्द एवं रेवाडीह का शुभारंभ
– झारखंड के राज्यपाल तथा केन्द्रीय मंत्री महिला एवं बाल विकास ने की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से बातचीत
– जिले के आंगनबाड़ी केन्द्र में बनाए गए पोषण वाटिका की प्रशंसा की
– प्रारंभिक बाल्यावस्था, देखभाल एवं शिक्षा, पोषण वाटिका, एलईडी टीवी के माध्यम से बच्चों को पढ़ाना, आरओ मशीन के माध्यम से स्वच्छ एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, बच्चों के शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास करने की दिशा में किया जाएगा कार्य
राजनांदगांव 30 सितम्बर 2024। झारखंड राज्य के राज्यपाल श्री संतोष गंगवाल तथा केन्द्रीय मंत्री महिला एवं बाल विकास श्रीमती अन्नपूर्णा देवी आज झारखंड राज्य की राजधानी रांची के शौर्य सभागार में आयोजित राष्ट्रीय पोषण माह 2024 के समापन समारोह में शामिल हुए तथा इस अवसर पर उन्होंने 11 हजार सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र का लोकार्पण किया। इस अवसर पर जिले के सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र भोथीपारखुर्द एवं रेवाडीह का शुभारंभ किया गया। इस दौरान कार्यक्रम में वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास श्रीमती गुरप्रीत कौर तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारी व टीम उपस्थित रहे। इस अवसर पर झारखंड के राज्यपाल श्री संतोष गंगवाल तथा केन्द्रीय मंत्री महिला एवं बाल विकास श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र भोथीपार की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता से बातचीत की।
केन्द्रीय मंत्री महिला एवं बाल विकास श्रीमती अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि आपका आंगनबाड़ी केन्द्र सक्षम आंगनबाड़ी के रूप में परिणित हुआ है। इससे जो परिवर्तन आए हैं, उसके संबंध में चर्चा की। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बताया कि आंगनबाड़ी केन्द्र में 6 माह से 3 वर्ष तक के 16 बच्चे हैं। सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र बनने से यहां परिवर्तन आया है। आंगनबाड़ी केन्द्र में किचन गार्डन के रूप में पोषण वाटिका विकसित की गई है। जिसमें पालक, भाजी-सब्जी, फल एवं अन्य पौष्टिक सामग्री प्राप्त हो रही है। उन्होंने बताया कि पोषण वाटिका से बहुत फायदा है। इससे प्रेरित होकर अभिभावक स्वयं भी अपने घरों में बना रहे हंै। आंगनबाड़ी केन्द्र की पोषण वाटिका में शहतुत, केला, पपीता, बादाम, आम, जाम तथा सब्जियों में पालक, फूलगोभी, मिर्ची, ग्वार फल्ली, मूली एवं अन्य सब्जियां लगाई गई हैं। गांव में बच्चों के पोषण के लिए घर-घर पोषण वाटिका बनाये जा रहे हंै। बच्चों के सुपोषण के लिए पौष्टिक आहार, खान-पान के संबंध में जागरूकता लाने के लिए कार्य कर रहे हैं। बच्चों को स्मार्ट टीवी के माध्यम से बाल कविता, लघु फिल्म, कहानी दिखाई जा रही है। जिससे वे जल्दी सीख रहे हैं। सुपोषण चौपाल, टीकाकरण के संबंध में जानकारी दी जा रही हंै। अभिभावकों को बच्चों के स्वास्थ्य की सही जानकारी देते हुए यह बताते हैं कि बच्चा मध्यम कुपोषित है या सामान्य। इसके अनुसार उन्हें पौष्टिक आहार दिया जाता है। बच्चे नर्सरी में जैसे पढ़ते हैं वेसे ही यहां पढ़ाई कर रहे हैं। बच्चों की देख-भाल कर रहे हैं। पेंटिंग के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्र की आकर्षक साज-सज्जा की गई है, जिससे बच्चे पढऩे के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं। झारखंड राज्य के राज्यपाल तथा केन्द्रीय मंत्री महिला एवं बाल विकास ने जिले में बनाए गए पोषण वाटिका की प्रशंसा की।
गौरतलब है कि कलेक्टर श्री संजय अग्रवाल के मार्गदर्शन में जिले में सुपोषण माह के अंतर्गत विशेष तौर पर कार्य किया गया। उनके निर्देश पर आंगनबाड़ी केन्द्रों में किचन गार्डन की तर्ज पर सुपोषण वाटिका बनाए जा रहे है। कलेक्टर स्वयं आंगनबाड़ी केन्द्रों का निरीक्षण कर रहे है। उन्होंने सुपोषण के लिए जिले में जनसामान्य में जागरूकता लाने के लिए सुपोषण चौपाल के माध्यम से अभिभावकों को पौष्टिक आहार, टीकाकरण एवं अन्य आवश्यक जानकारी देने के निर्देश दिए है। इस अवसर पर आंगनबाड़ी केन्द्र में आने वाली माताएं एवं उनके नन्हें बच्चे भी उपस्थित थे। पौष्टिक आहार का संदेश देते हुए अन्न से बने सुपोषण कलश को सजाया गया था। वही स्थानीय स्तर पर उपलब्ध चीला, गुझिया, सूजी के लड्डू, खीर, खुरमी, अंकुरित अनाज, अईरसा, गुलगुला भजिया, एवं अन्य व्यंजनों के संबंध में सभी को जानकारी दी गई तथा माताओं को बच्चों को रागी, कोदो, कुटकी, दाल, मक्का, चावल, बाजरा, मुंग, अरहर, गेहूं एवं अन्य खाद्यान्न का उपयोग करने की सलाह दी गई। फलों और सब्जियों से स्टॉल को सजाया गया था।
उल्लेखनीय है कि देश भर में 11 हजार सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्रों का शुभारंभ किया गया है। जिसके अंतर्गत जिले में 2 आंनबाड़ी केन्द्र भोथीपार खुर्द एवं रेवाडीह को सक्षम आंगनबाड़ी केन्द्र के लिए चयनित किया गया है। इसके अंतर्गत प्रारंभिक बाल्यावस्था, देखभाल एवं शिक्षा, पोषण वाटिका, एलईडी टीवी के माध्यम से बच्चों को पढ़ाना, आरओ मशीन के माध्यम से स्वच्छ एवं शुद्ध पेयजल की व्यवस्था, बच्चों का शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास करने की दिशा में कार्य किया जाएगा। राष्ट्रीय पोषण माह 2024 1 से 30 सितम्बर तक संचालित था, जिसका समापन किया गया।