योग शिक्षक नहीं होने से करोड़ों रुपए हो रहे हैं बर्बाद – योगाचार्य मिथलेश सिन्हा

भूपेन्द्र सिन्हा, गरियाबंद/छुरा – क्षेत्र के प्रतिष्ठित वा प्रशिक्षित ,योग विषय में मास्टर डिग्रीधारी योगाचार्य मिथलेश कुमार सिन्हा का कहना है कि शासन द्वारा प्रति वर्ष तीन भागो में कक्षा तीसरी से लेकर कक्षा दसवीं तक जिसमें भाग 1 में प्राथमिक कक्षाओं के लिए तीसरी से पांचवी तक, भाग 2 में पूर्व माध्यमिक कक्षाओं के लिए छठवीं से आठवीं तक, भाग 3 में नवमी से दसवीं तक अन्य सभी मुख्य विषयों के साथ योग शिक्षा की पुस्तक वितरण किया जाता है, जिसमें प्रति वर्ष करोड़ों रुपए खर्च हो जाते हैं, स्कूलों में योग शिक्षक नहीं होने के कारण वह छपे हुए करोड़ों रुपए के पुस्तक यूंही व्यर्थ हो जाते हैं, क्योंकि उनको पढ़ाने के लिए उस विषय के विशेषज्ञ शिक्षक की आवश्यकता होती है,जैसे गणित, अंग्रेजी आदि विषयों के शिक्षकों की जरूरत होती है। शासन की मनसा समझ नहीं आती एक तरफ तो शासन बहुत अच्छा सोच कर योग के किताब को स्कूलों में अनिवार्य वितरण कराया जाता है ,लेकिन शिक्षक नहीं होने के स्थिति में बच्चे उस बहुमूल्य उपयोगी पुस्तक को खोलते भी नहीं हैं। आज पूरी दुनिया योग की महत्ता को समझ कर अपना रही है, जबकि योग को भारत की अमूल्य धरोहर है इस विषय पर उदासीनता ठीक नहीं। भारत का पहला योग आयोग का गठन 2017 में छत्तीसगढ़ में हुआ। योग आयोग के गठन होने के एक उम्मीद सभी को जगी थी कि अब योग के क्षेत्र में बहुआयामी कार्य होंगे लेकिन वह भी नाम मात्र का आयोग रह गया है।आत्मानंद विद्यालयों में,नवोदय विद्यालय ,एकलव्य विद्यालय जैसे आवासीय विद्यालयों में योग शिक्षा अनिवार्य होना चाहिए।पी एमश्री स्कूल में सेटअप होने के बावजूद भी अभी तक शिक्षकों की भर्ती नहीं हो पाना दुर्भाग्यजनक है।

क्यों है बच्चों के लिए योग शिक्षा अनिवार्य
योगाचार्य मिथलेश सिन्हा ने योग शिक्षा के महत्व को बताते हुए कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं बच्चे , कच्ची मिट्टी के समान होते हैं उन्हें जैसा बनाना चाहेंगे वह बन जायेंगे। योग शिक्षा से बच्चे संस्कारी और उच्च चरित्रवान बनेंगे ,योग अहिंसा, सत्य, संतोष ,स्वच्छता और अनुशासन जैसे मूल्यों को बढ़ावा देता है। ये शिक्षा प्रणालियों में महत्वपूर्ण हैं, जिससे योग अकादमिक और चरित्र शिक्षा दोनों का एक मूल्यवान हिस्सा बन जाता है।विद्यार्थियों को तनाव प्रबंधन, अनुशासन बनाने, बच्चे नैतिकता वादी बनेंगे,स्वस्थ रहने और एकाग्रता में सुधार लाने में , देश भक्त बनाने में मदद करने के लिए स्कूलों में योग शिक्षा जरूरी है।योग शारीरिक स्तर पर शक्ति, सहनशक्ति, धीरज और उच्च ऊर्जा के विकास में मदद करता है और नशा जैसे दुर्व्यसन से बच सकते हैं।