रुक्मणी विवाह की कथा सुन झूमे श्रद्धालु
बछेरा में भागवत कथा का छठवा दिन संपन्न.

0

लोकेशन/सिमगा
रिपोर्टर/ओंकार प्रसाद साहू
मों. नं.9399627970

रुक्मणी विवाह की कथा सुन झूमे श्रद्धालु
बछेरा में भागवत कथा का छठवा दिन संपन्न.

सिमगा ब्लॉक के बछेरा गांव में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के छठे दिन गुरूवार को कथावाचक पंडित नवनीन कृष्ण जी महराज मोखला (आरंग) वाले ने रासपंचाध्यायी, ब्रज से मथुरा आगमन, कंस वध, उद्धव गोपी संवाद, रूक्मणी विवाह आदि की कथा का वर्णन किया। संगीतमय कथा का वर्णन सुनकर भक्त भाव विभोर होकर झूमने लगे। रासपंचाध्यायी की कथा का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय है। उनमें गाए जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण है। कहा कि जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है, वह भव पार हो जाता है।

भागवत कथा का महत्व

भागवत कथा के महत्व को बताते हुए कहा कि जो भक्त प्रेमी कृष्ण रुक्मणी के विवाह उत्सव में शामिल होते हैं। उनकी वैवाहिक समस्या हमेशा के लिए समाप्त हो जाती है। इसलिए जीव के अंदर अपार शक्ति रहती है यदि कोई कमी रहती है, तो वह मात्र संकल्प की होती है। संकल्प एवं कपट रहित होने से प्रभु उसे निश्चित रूप से पूरा करेंगे। जब भगवान श्रीकृष्ण मथुरा जाने लगे, समस्त ब्रज की गोपियां भगवान कृष्ण के रथ के आगे खड़ी हो गईं। कहने लगीं हे कन्हैया जब आपको हमें छोडक़र ही जाना था तो हमसे प्रेम क्यों किया।
आज सुदामा चरित्र का होगा वर्णन
कल सातवें दिन शुक्रवार को सुदामा चरित्र, द्वारिका लीला, यदुवंश को श्राप, शुकदेव जी की विदाई, परीक्षित मोक्ष कथा का वर्णन होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *