भाटापारा में कांग्रेस का चक्का जाम: अडानी और सरकार के खिलाफ बढ़ा विरोध



मोहम्मद अजहर हनफी ब्यूरो प्रमुख जिला बलौदाबाजार-भाटापारा
भाटापारा (छत्तीसगढ़):- छत्तीसगढ़ कांग्रेस के आह्वान पर मंगलवार को पूरे राज्य में आर्थिक नाकाबंदी और चक्का जाम का आयोजन किया गया। भाटापारा विधानसभा में विधायक इंद्र साव के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने एनएच-130 पर लिमतरा तिग्गा चौक को जाम करके प्रदर्शन किया। इस दौरान उन्होंने अडानी ग्रुप को राज्य के प्राकृतिक संसाधनों (जल, जंगल, जमीन) के दोहन और भाजपा सरकार द्वारा ईडी, सीबीआई जैसी एजेंसियों के दुरुपयोग के खिलाफ जोरदार विरोध दर्ज किया।
“अडानी को नहीं देंगे छत्तीसगढ़ की खनिज संपदा”
विधायक इंद्र साव ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार प्रदेश की खनिज संपदा को अडानी समूह को सौंपना चाहती है। उन्होंने कहा, *”एक तरफ सरकार ‘एक पेड़ मां के नाम’ का नारा दे रही है, वहीं दूसरी ओर हसदेव और तमनार के जंगलों को अडानी के नाम पर कटवा रही है। आदिवासियों को बेदखल कर प्रशासन अडानी की कठपुतली बन गया है।”*
ईडी-सीबीआई के दुरुपयोग के खिलाफ आवाज
साव ने केंद्र सरकार पर विपक्षी नेताओं को डराने-धमकाने का आरोप लगाते हुए कहा कि ईडी और सीबीआई का राजनीतिक दुरुपयोग किया जा रहा है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल की गिरफ्तारी का भी जिक्र करते हुए कहा कि यह सत्ता का दुरुपयोग है।
यातायात ठप, लोगों को परेशानी
चक्का जाम के कारण रायपुर-बिलासपुर नेशनल हाईवे पर लंबा जाम लग गया, हालांकि स्कूल बसों और एंबुलेंस को छूट दी गई थी। कांग्रेस नेताों ने स्पष्ट किया कि यह आंदोलन सत्ता की तानाशाही के खिलाफ है और भविष्य में भी ऐसे प्रदर्शन जारी रहेंगे।
कांग्रेस का समर्थन, चैंबर ऑफ कॉमर्स ने नहीं दी सहमति
हालांकि छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ कॉमर्स ने इस आर्थिक नाकाबंदी का समर्थन नहीं किया, लेकिन भाटापारा ब्लॉक कांग्रेस कमेटी और विधायक इंद्र साव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने इसे सफल बनाया। इस प्रदर्शन में सेवा दल के प्रदेश अध्यक्ष अरुण ताम्रकार, पूर्व मंडी अध्यक्ष सुशील शर्मा, डॉ. के.के. नायक सहित सैकड़ों कार्यकर्ता शामिल हुए।
आगे की रणनीति
कांग्रेस ने साफ किया है कि वह छत्तीसगढ़ के संसाधनों की रक्षा के लिए सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ेगी। पार्टी नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने आदिवासी अधिकारों और पर्यावरण की अनदेखी जारी रखी, तो आंदोलन और तेज होंगे।
इस प्रदर्शन से स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ में अडानी समूह और केंद्र सरकार के खिलाफ राजनीतिक माहौल गर्म है, और कांग्रेस इस मुद्दे को जनआंदोलन में तब्दील करने की तैयारी में है।