छत्तीसगढ़ प्रदेश सेवानिवृत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी प्रकोष्ठ की बैठक में,

संपूर्ण सेवाकाल को पेंशन गणना शामिल करने की मांग ।
सी एन आइ न्यूज-पुरुषोत्तम जोशी।
रायपुर-भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश सेवानिवृत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी प्रकोष्ठ की बैठक रविवार 1 जून 25 को रायपुर में मेरिन ड्राइव के निकट स्थित राज्य कर्मचारी संघ छत्तीसगढ़ के प्रांतीय कार्यालय में संपन्न हुआ। भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव की उपस्थिति में बैठक की अध्यक्षता सेवानिवृत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी प्रकोष्ठ प्रदेश संयोजक अनिल पाठक ने की। बैठक में प्रदेश कोषाध्यक्ष बी एस दसमेर, जिला रायपुर के अध्यक्ष आर जी बोहरे, सरगुजा संभाग के अध्यक्ष गुरुचरण सिंह,विनोद जैन बिलासपुर आदि ने विचार व्यक्त किए। बैठक में छत्तीसगढ़ प्रदेश के अंबिकापुर,बिलासपुर, जांजगीर चांपा, रायगढ़, महासमुंद,गरियाबंद, दुर्ग, कवर्धा, बलौदाबाजार भाटापारा तथा रायपुर जिले प्रतिनिधि शामिल थे। बैठक में नियमित किए गए दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की संपूर्ण सेवा अवधि को पेंशन के लिए गणना में लेने और उन्हें भी अन्य सेवानिवृत कर्मचारियों की भांति सभी आर्थिक लाभ अवकाश नगदीकरण व उपादान देने की सरकार से मांग की गई।
बैठक को संबोधित करते हुए प्रांताध्यक्ष वीरेन्द्र नामदेव ने सेवानिवृत दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के समस्या के निपटारे में अधिकारियों पर टाल मटोल करने एवं रुचि नहीं लेने का आरोप लगाया और सभी कर्मचारियों को भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ छत्तीसगढ़ प्रदेश के साथ जुड़कर आंदोलन के लिए तैयार रहने का आव्हान किया।
भारतीय राज्य पेंशनर्स महासंघ सेवानिवृत दैनिक वेतन भोगी प्रकोष्ठ प्रदेश संयोजक अनिल पाठक ने आगे बताया है कि राज्य में सेवानिवृत नियमित किए गए दैनिक वेतन भोगी कर्मचारीगण 40 साल सेवा के बाद भी न्यूनतम पेंशन 7550 रुपए से अधिक की पात्रता नहीं रखते क्योंकि नियमितीकरण तिथि से उनकी पेंशन प्रकरण की गणना करने पर 33 वर्ष की क्वालीफाइंग सेवा की शर्ते पूरी नहीं होती, जबकि संबंधित कर्मचारी की सेवा अवधि दैनिक वेतन भोगी के रूप की गई सेवा को जोड़ने पर 33 वर्ष से कहीं अधिक होता है। इस मांग के पूरा होने से जलसंसाधन,लोकनिर्माण, लोकस्वास्थ्य यांत्रिकी,ग्रामीण यांत्रिकी सेवा तथा वन विभाग के हजारों लाभान्वित होंगे।उन्होंने सरकार से उनकी दैनिक वेतन भोगी के रूप में किए गए सेवा अवधि को पेंशन गणना शामिल कर आज स्थिति में (एरियर सहित नहीं) पूर्ण पेंशन का लाभ देकर जीवन स्तर में सुधार करने का आग्रह किया है।