छग कैडर की आईपीएस भावना गुप्ता को मिला इंटरनेशनल आईएसीपी अवार्ड
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
रायपुर – छत्तीसगढ़ कैडर की 2014 बैच की आईपीएस भावना गुप्ता को अमेरिका की अंतर्राष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ चीफ्स ऑफ पुलिस ( आईएसीपी) से सम्मानित किया गया है। उन्हें प्रतिष्ठित 40 अंडर 40 आईएसीपी अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है , जो हर साल दुनियां भर में पुलिस सेवा में 40 लीडर को दिया जाता है। उन्हें यह अवार्ड 17 अक्टूबर को अमेरिका के सेंडिगो सिटी कैलिफोर्निया में प्रदान किया जायेगा। यह पुरस्कार एसपी सूरजपुर और एसपी सरगुजा के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उनके उत्कृष्ट कार्य और नेतृत्व के लिये दिया गया है। वे छत्तीसगढ़ राज्य में आईएसीपी अवार्ड पाने वाली तीसरी आईपीएस व पहली महिला आईपीएस बनी हैं। आईपीएस भावना गुप्ता वर्तमान में बेमेतरा जिले में पदस्थ है। वे पूर्व में अंबिकापुर और सूरजपुर की एसपी रह चुकी हैं। उन्हें यह सम्मान मुख्यमंत्री की बहु प्रतीक्षित “हमार लाडली हमर मान अभियान” के अंतर्गत हिम्मत कार्यक्रम चलाने के लिये मिला है। सूरजपुर व अंबिकापुर में पदस्थापना के दौरान एसपी भावना गुप्ता ने यह इनीशिएटिव प्रोग्राम चलाया था। इसके तहत आठवीं से लेकर बारहवीं तक की छात्राओं व नारी निकेतन में रहने वाली महिला अपराधों से पीड़ित महिलाओं का ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जाता था। यह ट्रेनिंग प्रोग्राम आवासीय होता था। ट्रेनिंग में महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाने के साथ ही उन में आत्मविश्वास पैदा किया जाता था। ट्रेनिंग में युवतियों व महिलाओं के हुनर को भी निखारा जाता था। अलग-अलग आयु वर्ग के लिये अलग-अलग प्रोग्राम सेट कर ट्रेनिंग दी जाती थी। सभी प्रोग्राम में महिला अपराधों के प्रति जागरूकता वह महिला अधिकारों के प्रति जानकारी भी दी जाती थी। इस कार्यक्रम में दो हजार लोगों को प्रशिक्षित किया गया।
इस प्रोग्राम के तहत खेलकूद में होनहार बालिकाओं की भी तलाश कर उनकी प्रतिभा को निखारा जाता था। ट्रेनिंग के माध्यम से मलखंभ की कई ऐसी महिला खिलाड़ी मिली जिन्होंने राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। स्वालंबन योजना से जोड़ने के लिये टीसीएस जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनी से जोड़ कर भी अंग्रेजी ट्रेनिंग प्रोग्राम छात्राओं को दिया जाता था। इस दौरान देश के मशहूर सुपर 30 क्लास के संस्थापक आनंद कुमार को भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से छात्राओं को मिलवाया गया था। महिला अपराधों से पीड़ित होकर अपना आत्मविश्वास खो चुकी और समाज के मुख्य धारा से कट चुकी महिलाओं में समाज के मुख्य धारा में जोड़ने के लिये प्रेरित करते हुये उनमें आत्मविश्वास जागृत किया जाता था। डॉ भावना गुप्ता को इसी हिम्मतवाला कार्यक्रम के लिये अमेरिका की अंतरराष्ट्रीय संस्था इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ चीफ्स ऑफ पुलिस (आईएसीपी) अवार्ड मिला है। इससे पहले प्रदेश के आईपीएस आरिफ शेख को व वर्तमान में बिलासपुर एसपी के पद पर पदस्थ आईपीएस संतोष सिंह को मशहूर नशा मुक्ति निजात अभियान चलाने के लिए यह अवार्ड मिला है। प्रदेश में आईएसीपी अवार्ड पाने वाली भावना गुप्ता पहली महिला आईपीएस बन गई हैं।
परिचय आईपीएस भावना गुप्ता
पंजाब के भटिंडा में भावना गुप्ता का जन्म हुआ। उनके पिता का नाम डॉक्टर पवन गुप्ता व माता का नाम डॉक्टर किरण गुप्ता हैं। भावना गुप्ता अपने माता पिता की इकलौती संतान है। उनके पापा सर्जन है और माता गायकनोलॉजिस्ट हैं। भावना की दसवीं तक की पढ़ाई सेंट जेवियर्स स्कूल भटिंडा में हुई। फिर बारहवीं तक की पढ़ाई आरबीडीएवी पब्लिक स्कूल भटिंडा से की। आगे की पढ़ाई उन्होंने मुंबई आईआईटी से करते हुये मेटलर्जी में इंजीनियरिंग की डिग्री लेकर की। फ्लिपकार्ट कंपनी में भी बतौर एनालीसिस्ट भावना गुप्ता ने तीन माह काम किया। उनका कैम्पस सलेक्शन ऑयल कंपनी में भी हुआ था। भावना गुप्ता बैडमिंटन की नेशनल प्लेयर हैं। बॉस्केट बॉल में भावना गुप्ता आईआईटी मुंबई की टीम की कैप्टन थी। जिसके बाद पुलिस ट्रेनिंग में वे नेशनल पुलिस एकेडमी के बॉस्केट बॉल टीम की भी कप्तान रहीं। उन्होंने पुलिस खेलों में भी बैडमिंटन खेल कर राष्ट्रीय स्तर पर कई पदक जीते हैं। वर्ष 2013 में यूपीएससी का पहला अटेंप्ट (समाज शास्त्र वैकल्पिक विषय) देने के साथ ही भावना गुप्ता अपने पहले प्रयास में ही आईपीएस के लिये चुन ली गई , और उन्हें आईपीएस 2014 बैच मिला। भावना गुप्ता को पहले पश्चिम बंगाल कैडर अलॉट हुआ। उनकी पहली पोस्टिंग हावड़ा में असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर के रूप में हुई थी। छह साल तक भावना गुप्ता पश्चिम बंगाल कैडर में रही थी। फिर उन्होंने इंटर कैडर चेंज करवा के छत्तीसगढ़ कैडर चुना। उनके पति राहुल देव छत्तीसगढ़ कैडर के आईएएस अफसर हैं और वर्तमान में मुंगेली कलेक्टर के रूप में पदस्थ हैं। खास बात यह है कि भावना गुप्ता और उनके पति आईएएस राहुल देव दोनों ही अपने प्रथम प्रयास यूपीएससी के लिये चुने गये हैं।