अनिल सिंह साव बने बसना विकासखंड स्त्रोत समन्वयक (बी.आर.सी.सी)

कुंजराम यादव बसना रिपोर्टर
बसना। शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करते आ रहे अनिल सिंह साव को अब एक नई जिम्मेदारी मिली है। जिला परियोजना कार्यालय समग्र शिक्षा महासमुंद द्वारा जारी आदेशानुसार, अनिल सिंह साव को विकासखंड स्त्रोत केंद्र समन्वयक (बी.आर.सी.सी) बसना नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति उनकी दीर्घकालीन सेवा, निष्ठा एवं दक्षता को मान्यता देते हुए की गई है।
शिक्षा जगत में सफर की शुरुआत
अनिल सिंह साव ने अपने शैक्षणिक जीवन की शुरुआत प्राथमिक शाला अजगरखार में शिक्षा कर्मी वर्ग 03 के रूप में की थी। प्रारंभिक सेवा के दौरान ही उन्होंने अपने कार्य में समर्पण और नवाचार का परिचय दिया। इसके पश्चात पदोन्नति प्राप्त कर वे मिडिल स्कूल धानापाली में पदस्थ हुए, जहां उन्होंने प्रभावी रूप से शिक्षण एवं समन्वयन का कार्य किया। मिशन समन्वयक और संकुल समन्वयक के रूप में उत्कृष्ट कार्य ध्यान देने योग्य बात है कि श्री साव को मिशन समन्वयक की जिम्मेदारी भी दी गई थी, जिसे उन्होंने अत्यंत कुशलता से निभाया। उनकी कार्यप्रणाली को हमेशा सराहा गया और उन्होंने संकुल केंद्र बाराडोली में समन्वयक के रूप में लगातार निर्विवाद रूप से सेवाएं प्रदान कीं। उनकी कार्यकुशलता, नेतृत्व क्षमता और टीम भावना ने उन्हें एक आदर्श शिक्षक और प्रेरणास्रोत के रूप में स्थापित किया है।
नई जिम्मेदारी पर हर्ष और शुभकामनाएं
बी.आर.सी.सी. बसना नियुक्त किए जाने की सूचना मिलते ही शिक्षा विभाग, राजनीतिक क्षेत्र और सामाजिक संगठनों में खुशी की लहर दौड़ गई। श्री साव को बधाई देने वालों में कई प्रमुख नाम शामिल हैं।विधायक बसना डॉ. संपत अग्रवाल शीत गुप्ता, उपाध्यक्ष, नगर पंचायत बसना रामचंद्र अग्रवाल एवं रमेश अग्रवाल, वरिष्ठ भाजपा नेता नरेंद्र बोरे, शिक्षक संगठन पदाधिकारी तथा उनके सहकर्मी और सहयोगी शिक्षकगण विजय धृतलहरे, विजयशंकर विशाल, गजानन भोई, नीलांबर नायक, सुरेश नंद, शरण दास, अरुण प्रधान, संतराम बंजारा, गजेन्द्र नायक, वारिश कुमार, त्रिकांत बाघ, पुरंदर बंछोर, डीजेन्द्र कुर्रे आदि। इन सभी ने श्री साव को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। उनके परिजन, इष्टमित्र और संपूर्ण शिक्षक समाज इस नई जिम्मेदारी पर गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।अनिल सिंह साव की यह पदोन्नति न केवल उनके व्यक्तिगत प्रयासों की सराहना है, बल्कि यह शिक्षा विभाग की पारदर्शिता और कर्मठता को सम्मान देने की परंपरा का भी प्रतीक है। यह नियुक्ति आने वाले समय में बसना विकासखंड की शैक्षणिक गुणवत्ता को और अधिक सशक्त बनाने में मील का पत्थर साबित हो सकती है।