राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस का आयोजन उपभोक्ताओं को जगाने वाले खाद्य विभाग सोये रहे
गरियाबंद।24 दिसंबर को देश मे राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस का आयोजन किया जाता है,इस आयोजन में ब्यापारियों पेट्रोल पंप मालिक व संचालक के साथ गैस विक्रेता और अन्य देनिक उपयोग में आने वाले सामान विक्रेताओं के साथ आम नागरिकों को एक मंच में लाकर दैनिक उपयोग में आने वाले सामग्रियों की शुद्धता,उनमे होने वाले मिलावट व कम नापतौल की जानकारी देना और मिलावट की जांच और कम नापतौल से बचने के लिए उपभोक्ताओं को जागरूक करने का प्रयास किया जाता है।इस दिवस को लेकर अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्थान संगठन के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विमल डागा व संगठन के सदस्यों द्वारा आयोजन दिवस के चार दिन पूर्व ही खाद्य अधिकारी से मिलकर कार्यक्रम में नगर के गणमान्य प्रबुध्द नागरिकों व ब्यापारियों को निमंत्रण देने और कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील किया गया था।लेकिन 24 दिसम्बर रविवार को आयोजित उपभोक्ता दिवस जिसमे उपभोक्ताओं को जागरूक करने की कोशिश किया जाता उसमे अधिकारी खुद गायब रहे और अपने विभाग के एक लिपिक और एक भृत्य को भेजकर अपना फर्ज पूरा कर दिए।ज्ञात हो कि जिला खाद्य अधिकारी की देखरेख में उपभोक्ता दिवस का आयोजन किया जाना था इसकी रुपरेखा चार दिन पूर्व बनाकर नगर के शांति फ्यूल्स ( पेट्रोल पंप ) में कार्यक्रम आयोजन का स्थल भी निर्धारित किया गया था।लेकिन इस आयोजन को लेकर अधिकारी भागते नजर आए,इस कार्यक्रम में खाद्य अधिकारी अपने अधिनस्त एक लिपिक और एक भृत्य को भेज दिए।इस आयोजन के दौरान शांति फ्यूल्स के संचालक द्वारा अपने पेट्रोल पंप की शुद्धता नाप तौल व पेट्रोल डीजल की गुणवत्ता को लोगो को बताए।वही कार्यक्रम में आए अखिल भारतीय उपभोक्ता उत्थान संगठन के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विमल डागा ने खाद्य विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को जगाने ये कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमे आम उपभोक्ताओं को अधिकारियों और संगठन के सदस्यों द्वारा मिलावट, कम नापतौल और गुणवत्ता हीन सामानों से कैसे बचा जाए और उसकी शिकायत कहा किया जाए इस सब की जानकारी देकर लोगो को जागरूक किया जान था।लेकिन ये कार्यक्रम से अधिकारी भागते नजर आए इससे उनके कार्यो में प्रश्नचिन्ह लगाते है।जबकि राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस प्रतिवर्ष 24 दिसंबर को मनाया जाता है,इस बात की जानकारी अधिकारियों को है।उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम को 24 दिसंबर 1986 को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी मिली थी।तब से,इस अवसर का सम्मान करने के लिए इस दिन को राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस के रूप में मनाया जा रहा है।उपभोक्ता अधिकारों का दुनिया भर में प्रत्येक उपभोक्ता या खरीदार को खरीदी गई या उपयोग में लाई जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की गुणवत्ता,शुद्धता,कीमत और मानक के बारे में जानकारी प्राप्त करना है।इस दिन को उपभोक्ता अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है।राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस को राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ताओं को जागरूक करने और और अपने अधिकार और जिम्मेदारी को समझने के लिए प्रतिवर्ष मनाया जाता है। जबकि विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को मनाया जाता है।जबकि लक्ष्य एक ही है, राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है,जबकि विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है।राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस ग्राहकों को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित करने और दुरुपयोग से बचते हुए अधिकतम लाभ प्राप्त करने में सहायता करने का प्रयास करता है। इस दिन को मनाना यह मांग करने का एक मौका है कि सभी उपभोक्ताओं के अधिकारों का सम्मान और सुरक्षा की जाए,और बाजार के दुरुपयोग और सामाजिक अन्याय के खिलाफ विरोध किया जाए जो उन अधिकारों को कमजोर करते हैं।विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस को संयुक्त राष्ट्र और अन्य अंतर्राष्ट्रीय अभिनेताओं के समर्थन से विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
सी एन आई न्यूज़ गरियाबंद से विमल डागा की रिपोर्ट