राज्य स्थापना दिवस पर हुई छत्तीसगढ़ी काव्य गोष्ठी शारदा ज्ञान मंदिर में कोटा में आयोजन

रतनपुर से ताहिर अली की रिपोर्ट
कोटा……”सर्वोदय साहित्य एवं कला मंच कोटा बिलासपुर” के तत्वावधान में 24 वें राज्य स्थापना दिवस की खुशी में एक नवंबर को शारदा ज्ञान मंदिर में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर समिति की संस्थापिका एवं प्रधान सचिव श्रीमती सोमप्रभा तिवारी “नूर” के नेतृत्व में साहित्यिक टीम ने छत्तीसगढ़ी रचनाओं की अनुपम धारा बहा दी कार्यक्रम का शुभारंभ समिति के संरक्षक सतीश तिवारी एवं अध्यक्ष सुधीर मानिकपुरी के द्वारा माँ सरस्वती तथा छत्तीसगढ़ महतारी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन किया गया। तत्पश्चात श्रीमती रीना गुप्ता ने सरस्वती वंदना एवं “अरपा पैरी के धार”राजगीत के साथ कार्यकम को गति प्रदान की।कार्यक्रम में प्रेरणा गीत समिति के सहसचिव विष्णु गुप्ता जी ने प्रस्तुत किया। समिति के उपाध्यक्ष वीरेन्द्र दास मानिकपुरी जी ने “जय होवे छत्तीसगढ़ महतारी के” गीत के साथ छत्तीसगढ़ महतारी का सुंदर गुणगान किया कोषाध्यक्षा श्रीमती प्रभा शर्मा के गीत “हरियर हरियर लुगरा ओढ़े “ने सबका मन मोह लिया इस अवसर पर कु.एकता गुप्ता ने जहां छत्तीसगढ़ के प्राकृतिक और सांस्कृतिक स्वरूप का शानदार चित्रण किया तो वहीं मोहित साहू ने “जुड़-ताप सही के मैं हल चलैया”गीत ने किसान की महिमा का बखान किया।जी. पी.टंडन एवं उनकी श्रीमती द्वारा “का साग रांधे परोसिन”गीत की जुगलबंदी ने सभी को खूब गुदगुदाया।आगे कार्यक्रम में चंद्रप्रकाश साहू ने “मोर आंखी तरस गए”की प्रस्तुति से सबको द्रवित कर दिया तो वहीं सतीश तिवारी के “पेंसन के आस हे, जिनगी उदास हे”गीत से अपनी व्यथा सुनाई सुधीर मानिकपुरी ने छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना और संघर्ष पर प्रकाश डाला तथा गया प्रसाद साहू ने सम्मोहित करने वाले गीत सुनाए अंत में समिति की संस्थापिका श्रीमती सोमप्रभा “नूर” के सुमधुर गीत “मोर छत्तीसगढ़ दाई मैं तोर पइंयाy लागवं ओ” के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ उल्लेखनीय है कि कोटा क्षेत्र में “सर्वोदय साहित्यिक एवं सांस्कृतिक मंच “अपने प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध रहा है |