सड़क दुर्घटनाओं से संबंधित प्रकरणों की विवेचना में सुधार हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
सरगुजा – पुलिस महानिरीक्षक सरगुजा रेंज द्वारा विगत दिवस पुलिस अधीक्षकों एवं अभियोजन अधिकारियों की उपस्थिति में रेंज स्तरीय दोष मुक्ति समीक्षा बैठक की गई थी। समीक्षा दौरान यह पाया गया कि सड़क दुर्घटनाओं के अधिकांश प्रकरणों में आरोपी वाहन चालकों को विवेचना में त्रुटि के कारण न्यायालय से दोषमुक्ति की जा रही है , जिस परिपेक्ष में विवेचना के स्तर में सुधार हेतु एकदिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं के प्रकरणों की विवेचना में की जा रही त्रुटियों को दूर करते हुये त्रुटि रहित अभियोग पत्र न्यायालय प्रस्तुत किया जाना है , जिससे कि दोषी वाहन चालकों को न्यायालय द्वारा दोष सिद्ध किया जा सके। इस संबंध में रेंज आईजी अंकित गर्ग ने कार्यशाला में उपस्थित विवेचकों एवं थाना प्रभारियों को सड़क दुर्घटनाओं के प्रकरणों की विवेचना में कमी को दूर करने के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश देते हुये कहा कि सड़क दुर्घटनाओं की सूचना मिलने पर अन्वेषण अधिकारी को तत्काल घटनास्थल पहुंचकर घटना स्थल को सील करना एवं घटनास्थल का फोटोग्राफी वीडियोग्राफी के साथ-साथ आधुनिक उपलब्ध संसाधनों विवेचना किट बॉक्स का उपयोग कर वैज्ञानिक तरीके से भौतिक साक्ष्य को एकत्र करना चाहिये , जिससे कि मानवीय त्रुटि ना हो एवं घटनास्थल के चश्मदीद गवाहों को प्रकरण की संपूर्ण जानकारी देते हुये कार्यवाही करना चाहिये। जिससे कि प्रकरण के विचारण दौरान साक्षी भ्रमित ना हो तथा प्रकरण की विवेचना टाईम टू टाईम केस डायरी में अंकित की जाये जिससे कि प्रकरण में वास्तविकता प्रदर्शित हो। आवश्यकता पड़ने पर एफएसएल अधिकारी की भी सहायता लेने हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये। प्रकरण की विवेचना में त्रुटि की संभावना ना हो एवं दोषी व्यक्ति को न्यायालय द्वारा सजा दिलाई जा सके। साथ ही दुर्घटना में पीड़ित व्यक्ति के हितों को ध्यान में रखते हुये प्रकरण की अंतरिम दुर्घटना रिपोर्ट की सूचना नियमानुसार विभिन्न प्रारूपों में भरकर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण व बीमा सेवा कंपनी को समयावधि में अनिवार्य रूप से प्रेषित करने हेतु आवश्यक जानकारी दी गई। प्रशिक्षण कार्यशाला में चर्चा के दौरान रेंज आईजी अंकित गर्ग द्वारा केंद्रीय मोटरयान (पांचवा संशोधन) नियम 2022 के अनुसार संशोधित नियमों का उल्लेख करते हुये बताया गया कि माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल अपील नंबर 9322/22 के प्रकरण में पारित निर्णय में केंद्रीय मोटरयान अधिनियम 1989 में आंशिक संशोधन हुये नियम 150 के पश्चात 150क में सड़क दुर्घटना के अन्वेषण के लिये संशोधित प्रक्रिया का पालन किया जाये , जिसके अनुसार प्रावधानों में निहित संपूर्ण प्रारूपों में जानकारी भरकर संबंधितों को प्रस्तुत कर नियमानुसार विवेचना पूर्ण कर अभियोग पत्र न्यायालय प्रस्तुत करने के संबंध में जानकारी दी गई। जिससे कि विवेचना के दौरान की जा रही मानक प्रक्रियाओं में कोई त्रुटि ना हो एवं न्यायालय द्वारा सड़क दुर्घटनाओं में पीड़ित व्यक्तियों को राहत पहुंचाते हुये दोषी वाहन चालकों को दोष सिद्ध किया जा सकें। प्रशिक्षण कार्यशाला के समापन दौरान पुलिस अधीक्षक सरगुजा सुनील शर्मा द्वारा आभार व्यक्त किया गया। उक्त कार्यशाला के दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कोरिया मोनिका ठाकुर , उप पुलिस अधीक्षक (आंप्स) सरगुजा मानक राम कश्यप , उप पुलिस अधीक्षक लाईन सूरजपुर इमानुएल लकड़ा , प्रशिक्षु उप पुलिस अधीक्षक सरगुजा शुभम तिवारी , संयुक्त संचालक लोग अभियोजन सरगुजा संभाग श्रीमती मुकुल शर्मा , वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी सरगुजा एस.के. सिंह , डीपीओ सरगुजा सी.पी. केशरी ,आईजी रीडर सुभाष ठाकुर एवं निरीक्षक से प्रधान आरक्षक तक के विवेचना अधिकारी कार्यशाला में उपस्थित रहे।