नकली खाद-बीज की कालाबाजारी और पत्रकारों को धमकी के मामलों में कलेक्टर-एसपी सख्त, कार्रवाई के निर्देश

पखांजूर/कांकेर। परलकोट क्षेत्र में नकली खाद-बीज की कालाबाजारी और पत्रकारों को लगातार मिल रही धमकियों के मामलों ने गंभीर मोड़ ले लिया है। इन मुद्दों को लेकर पत्रकार संगठनों ने मंगलवार को कलेक्टर और एसपी से मुलाकात कर तत्काल कार्रवाई की मांग की। दोनों अधिकारियों ने सख्त रुख अपनाते हुए दोषियों पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
नकली खाद-बीज की कालाबाजारी पर कलेक्टर का हस्तक्षेप
परलकोट क्षेत्र में नकली खाद और बीज की कालाबाजारी से किसान लगातार प्रभावित हो रहे हैं। इस विषय पर पत्रकारों के समूह ने कांकेर कलेक्टर नीलेश कुमार महादेव क्षीरसागर से मुलाकात कर कृषि विभाग के फर्टिलाइजर इंस्पेक्टर यानी उर्वरक निरीक्षक मनोज सरकार को तुरंत हटाने की मांग की।
पत्रकारों ने आरोप लगाया कि मनोज सरकार पिछले 17 वर्षों से अपने पैतृक निवास से ही ड्यूटी कर रहे हैं, जिसके चलते क्षेत्र की अनियमितताओं पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हो रही है। उनकी लापरवाही और निजी संबंधों के कारण नकली खाद और बीज से जुड़ी जांचें प्रभावित हो रही हैं, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
कलेक्टर ने मामले की गंभीरता को देखते हुए भरोसा दिलाया कि मनोज सरकार का जल्द ही पखांजूर से तबादला किया जाएगा। इसे कृषि क्षेत्र की धांधली पर अंकुश लगाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है।
पत्रकारों को धमकाने पर एसपी ने दिए एफआईआर दर्ज करने के निर्देश
इसी बीच, परलकोट पत्रकार संघ, परलकोट संयुक्त पत्रकार संघ और कांकेर प्रेस क्लब के सदस्यों ने कांकेर पुलिस अधीक्षक आई. के. ऐलेसेला से मुलाकात कर पखांजूर में खाद माफिया द्वारा पत्रकार को धमकी देने और परेशान करने की घटनाओं पर कड़ी नाराज़गी जताई।
पत्रकारों ने बताया कि पत्रकार धनंजय चंद को बप्पा देवनाथ ने जान से मरवाने और उनकी दुकान में आग लगाने के लिए 10–12 लोगों को भड़काकर भेजा था। वहीं शंकर बहादुर ने उन्हें फोन पर जान से मारने की धमकी दी। इसी तरह, पत्रकार बलाई बोस को परलकोट कृषि आदान विक्रेता संघ के अध्यक्ष असीम पाल ने फोन पर अभद्र गालियां दीं।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी ने पखांजूर थाना प्रभारी लक्ष्मण केवट को जाँच कर आरोपियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए हैं।
इस दौरान इन दोनों मुद्दों पर कलेक्टर और एसपी से मुलाकात करने वालों में वीरेंद्र यादव, गौरव श्रीवास्तव, नीरज शर्मा, खेम नारायण, तामेश्वर सिन्हा, राजेश हालदार, स्वतंत्र नामदेव, संजय साहा, धनंजय चंद, कमल जायसवाल, विष्णु मिस्त्री, विकास वैध, नीतीश मलिक, देवाशीष विश्वास, रविंद्र मंडल, प्रशंजीत साहा, विश्वजीत दास, धीरज बैरागी और शंकर सरकार शामिल थे।
पत्रकारों में नाराज़गी की वजह
पत्रकार संघों का कहना है कि क्षेत्र में लगातार हो रही इन घटनाओं से पत्रकार स्वतंत्र रूप से कार्य नहीं कर पा रहे हैं। नकली खाद-बीज की कालाबाजारी और पत्रकारों को दी जा रही धमकियां एक-दूसरे से जुड़ी हुई हैं, और इन पर अंकुश लगाना बेहद जरूरी है। पत्रकारों ने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे आंदोलन करने को मजबूर होंगे।
पखांजूर/कांकेर से CNI NEWS शंकर सरकार की रिपोर्ट। मो-6268535584