तिल्दा-नेवरा नगरपालिका कर्मचारी भुखमरी के कगार पर चार महिना से नहीं मिला वेतन

अजय नेताम / रिपोर्टर
तिल्दा-नेवरा। एक ओर जहां तिल्दा-नेवरा नगर प्रशासन विकास की बड़ी बड़ी बाते कर रहा है ।वहीं दुसरी ओर नगरपालिका के कर्मचारी भुखमरी की स्थिति से जुझ रहे हैं ।विगत चार महिने से वेतन नहीं मिलने के कारण कर्मचारियों के सामने परिवार का भरण पोषण करना भी मुश्किल हो गया है । सूत्रों के अनुसार स्वच्छता,जल आपूर्ति , राजस्व एवं अन्य विभागों के कर्मचारी लगातार वेतन भुगतान के राह ताक रहे हैं । लेकिन उन्हे केवल आश्वासन ही मिला रहा है । फिर भी वेतन संकट के बावजूद कर्मचारी अपने दायित्वों का बखूबी निर्वहन कर रहे हैं । लेकिन उनके भीतर निराशा व नाराजगी साफ झलक रहा है । स्थानीय नगरवासियों का कहना है कि नगर में भूमि पूजन व मंचीय कार्यक्रमों का धूम तो है , लेकिन जमीनी स्तर पर मूलभूत सुविधाएं चरमराई हुई है । बजबजाती नालियां,धूल भरी सड़कें ,और पेयजल संकट नगरपालिका प्रशासन की विफलता को उजागर कर रही है ।सोशल मिडिया पर भी नगरपालिका के कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं । कर्मचारियों का कहना है कि जब शासन प्रशासन अपने ही कर्मचारियों के वेतन तक की ब्यवस्था नहीं कर पा रहा है ।तो नगर के समग्र विकास की कल्पना करना बेमानी है । स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया है कि वर्तमान में हो रहे विकास कार्य पूर्ववर्ती पालिका अध्यक्ष की योजनाओं का परिणाम है ।जिसका श्रेय अब वर्तमान नेतृत्व लेने की कोशिश कर रहा है ।अब बड़ा सवाल यह है कि जिन कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं मिल पा रहा, वे कब तक दबाव और भूख के बीच नगर विकास का बोझ रोते रहेंगे ? और क्या ऐसे हालत में नगर पालिका क्षेत्र में वास्तविक विकास की उम्मीद की जा सकती है ?