मंदिर जाना स्वास्थ्य के लिए होता है लाभकारी,इससे कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को नियंत्रित किया जा सकता है।

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सी एन आइ न्यूज-पुरुषोत्तम जोशी।
प्राय: हिन्दू धर्म में मंदिर में जाना धर्मिक भावना से जोड़ा जाता है। लेकिन मंदिर जाने के कुछ वैज्ञानिक स्वास्थ्य लाभ भी हैं। अगर हम रोज मंदिर जाते हैं तो इससे कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी समस्या को नियंत्रित किया जा सकता हैं।

ध्यान शक्ति के विकास के लिए

रोज़ मंदिर जाने और भौहों के बीच माथे पर तिलक लगाने से हमारे मस्तिष्क के विशेष भाग पर दवाब पड़ता है। इससे ध्यान और स्मृति की शक्ति बढ़ती है।

उच्च रक्तचाप नियंत्रित करने के लिए

मंदिर के अंदर नंगे पैर जाने से मंदिर में विराजमान सकारात्मक शक्ति (पॉजिटिव एनर्जी) पैरों के द्वारा हमारे शरीर में प्रवेश करती है। नंगे पैर चलने के कारण पैरों में स्थित दाब बिन्दू (प्रेशर प्वाइंट्स) पर दवाब भी पड़ता है, जिससे उच्च रक्तचाप की समस्या नियंत्रित और समाप्त होती है।

ऊर्जा स्तर को बढ़ाने के लिए

प्राय: जब हम मंदिर का घंटा बजाते हैं, तो 7 पल तक हमारे कानों में उसकी प्रतिध्वनि गूंजती है। इस प्रतिकिया से शरीर के सूक्ष्म सेल जो कि हमारे शरीर को ऊर्जा और शान्ति प्रदान करते हैं वो जागृत हो जाते हैं । इससे शरीर की ऊर्जा शक्ति को बढ़ाने में सहायता मिलती है।

प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए

मंदिर में दोनों हाथ जोड़कर पूजा करने से हथेलियों और उंगलियों के उन सूक्ष्म बिंदूओं पर दवाब पड़ता है, जो शरीर के कई अन्य अंगों से सम्बन्धित और जुड़े होते हैं। इससे शरीर की कमियाँ सुधरती हैं और प्रतिरोधक शक्ति बढ़ती है।

बैक्टीरिया से रक्षा के लिए

मंदिर में उपस्थित कपूर और हवन का धुआं एंटी ओक्सीडेंट होता है जो बैक्टीरिया का नाश करता है। इससे वायरल इंफेक्शन का खतरा टलता है।

तनाव दूर करने के लिए

मंदिर का शांत माहौल और शंख की आवाज़ मानसिक रूप से शान्ति प्रदान करती है। इससे तनाव दूर होता है।

डिप्रेशन दूर होता है

रोज़ मंदिर जाने और भगवान की आरती गाने से मानसिक रूप से शक्त बनते हैं, जिससे डिप्रेशन दूर होता है।

जय श्री कृष्ण

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