डांक्टरों की लापरवाही के चलते मासूम पामेलियांन डांग की हुई मौत !

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डांक्टरों की टीम के सामने मासूम डांग तड़फता रहा ,डांक्टर रहे मदमस्त।

अजय नेताम / तिल्दा-नेवरा ।डाक्टरों का सेवा भाव के नाम पर महज खानापूर्ति रह गया है ,जिसके चलते जीवन का आस में ,मौत का ग्रास बनना डाक्टरों की गैरजिम्मेदाराना व बड़ी लापरवाही को उजागर करती है ।सवाल यह उठता है कि आखिरकार इन कथित डांक्टरो को कब अपने कर्तव्यों का बोध होगा ,कब शासन का शिकंजा इन‌ पर कसा जावेगा , माना जा रहा है कि,शासकीय कुर्सी का मजा चख रहे डांक्टरों पर ठोस कार्रवाई नहीं होने से इनका हौसला बुलंद हो चुका है । रायपुर जिला के तिल्दा-नेवरा नगर में संचालित पशु चिकित्सालय की डांक्टरों की मनमानी व गैरजिम्मेदाराना हरकतों के चलते एक मासुम डांग की मौत हो गई , लेकिन वहीं पर इसका कसूरवार डांक्टरो के मध्य जरा सा भी मानवता भाव नहीं दिखा ,अगर संबंधित डांक्टर जरा सा भी तत्परता दिखाई होती तो संभवतः उस मासूम डांग इस दुनिया में सांसें लेते नजर आता , लेकिन डांक्टर की लापरवाही ने उस मासूम डांग को तड़पते मरने को मजबूर कर दिया । इस मामले पर नेवरा निवासी शरद वर्मा ने पशु चिकित्सालय के डांक्टरों पर बडा आरोप लगाते हुए कहा कि डांक्टरों की गैरजिम्मेदाराना हरकत के चलते दवाई व अन्य संसाधन होने के बावजूद मासूम डांग अपनी इहलीला समाप्त कर दिया , उन्होंने बताया कि 42 दिनों के मासूम पामेलियान पप्पी का स्वास्थ्य खराब होने पर बीते दिन शनिवार को नेवरा में संचालित शासकीय पशु चिकित्सालय में इलाज हेतु ले जाया गया । मौके पर मौजूद डांक्टरों ने नजाकत को समझे बिना बगैर जांच किये मेडिकल से सिरप लेकर पिलाने की बात कहकर चलता कर दिया ।डांक्टर के सलाहानुसार डांगी को दवाई का सेवन‌ व परहेज कराया गया ,उसके बावजूद स्वास्थ्य में सुधार आने के विपरित स्वास्थ्य और बिगड़ने लगा ‌।एक दिन उपरांत डांगी को पुनः पशु चिकित्सालय ले जाया गया, जहां पर मोजूदा डांक्टर आर एस वर्मा ने ईलाज हेतु मेडिकल से कुछ मेडिसिन लाने को कहा ,मेडिसिन लाने के पश्चात डांक्टर वर्मा ने कहा कि कुछ देर पश्चात अन्य डाक्टर हा़स्पीटल में आ जायेंगे ,फिर अस्वस्थ डांगी को ड्रीप चढ़ाया जावेगा । वहीं पर बताया गया कि एक ट्रेनर डांक्टर जो चिकित्सालय में उपस्थिति दर्ज कराकर शादी समारोह में शरीक होने चला गया था ,उन पर ही डागी का इलाज आश्रित बताया गया। कथित डांक्टर को दो बार फोन भी किया गया , वहां पर उन्होंने जल्द ही चिकित्सालय पहूंच जाने को आश्वस्त किया ,तीन घंटे बीते गये ना ही वह डांक्टर चिकित्सालय पहूंचा ,और ना ही मौजूदा सिनियर डांक्टर के टीम के द्वारा अस्वस्थ डांगी का उपचार किया गया ,जिसके चलते मासूम डांगी तड़फ तड़फ कर मौत के आगोश में समां गया , इससे नाराज़ नेवरा निवासी शरद वर्मा ने डाक्टरों के लापरवाही का निंदा किया है ।

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