गौ माता की रक्षा: केवल बातें नहीं, कार्य आवश्यक

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लोकेशन /सिमगा
रिपोर्टर /ओंकार प्रसाद साहू

गौ माता की महत्ता हमारे समाज में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह केवल एक धार्मिक या सांस्कृतिक प्रतीक नहीं हैं, बल्कि हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा हैं। गौ माता की जयकारा लगाने या सोशल मीडिया पर बातें करने से उनकी रक्षा या सम्मान नहीं हो सकता। इसके लिए धरातल पर वास्तविक कार्य करने की आवश्यकता है।

हाल ही में ग्राम चंडी में एक दुखद घटना हुई। बालोदाबाजार मुख्य रोड पर श्री सीमेंट के मुख्य गेट के पास एक भारी वाहन की चपेट में आकर एक गाय मृत पड़ी रही। यह घटना रात भर हुई और गाय वहाँ लगभग 12 घंटे से अधिक समय तक पड़ी रही। इस दौरान हजारों लोग उस रास्ते से गुजरे, लेकिन किसी ने भी उसकी सुध नहीं ली। यह एक गंभीर और चिंताजनक मामला है, जो हमारे समाज की असंवेदनशीलता को दर्शाता है।

इस गंभीर स्थिति का सामना करने के लिए ग्रामीण राजू, जो चंडी निवासी हैं और रोड किनारे एक झोपड़ी में होटल चलाते हैं, ने पहल की। जब उन्होंने देखा कि गाय सड़क पर पड़ी है और किसी भी व्यक्ति ने उसकी मदद नहीं की, तो उन्होंने तुरंत कार्यवाही की। उन्होंने JCB बुलाकर विधिपूर्वक एक गड्ढा खोदने का निर्णय लिया। यह न केवल एक जिम्मेदार नागरिक की पहचान है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि यदि हम सब मिलकर प्रयास करें, तो समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।

बता दे कि ग्रामीण राजू वर्मा का 3 वर्ष पूर्व एक्सीडेंट हुआ था जिसमे नस दबने कारण उनका एक हाथ ठीक कार्य नहीं कर पाता है उसके बावजुद भी इस घटना के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखाई। उन्होंने केवल गाय का अंतिम संस्कार करने का कार्य नहीं किया, बल्कि उस मौके पर पूजा-पाठ भी किया। यह एक श्रद्धांजलि थी, जिसने गौ माता के प्रति हमारी जिम्मेदारी को और भी स्पष्ट किया। इस कार्य ने यह साबित किया कि यदि हम सच में गौ माता के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त करना चाहते हैं, तो हमें सिर्फ बातों तक सीमित नहीं रहना चाहिए।

गौ माता की रक्षा के लिए हमें एकजुट होकर काम करना होगा। यह हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम उनकी रक्षा करें और उन्हें समाज में एक सम्मानजनक स्थान दिलाएं। हमें चाहिए कि हम न केवल गौ माता की रक्षा के लिए कानूनी प्रावधानों को समझें, बल्कि खुद को भी संवेदनशील बनाएं।

इस घटना ने हमें यह भी सिखाया है कि हमारी आँखें हमेशा खुली रहनी चाहिए। हमें समाज में ऐसे अवसरों की तलाश करनी चाहिए, जहां हम किसी की मदद कर सकें। हमें यह समझना होगा कि संवेदनशीलता और दया केवल शब्द नहीं हैं, बल्कि यह हमारे कार्यों में भी दिखनी चाहिए।

राजू वर्मा ने बताया एक्सिडेंट हुआ था गाय वो रोड में पड़ा था सब आते जाते देख रहे थे उनसे मतलब नहीं है क्या है कैसे है रहने दो अपने को क्या करना है जे सी बी मंगाया नमक डालकर, अगरबत्ती, श्री फल आदि से पूजा किया हमारी गौ माता है बेजुबान है उनका सेवा करना हम इंसानो का ही फर्ज बनता है क्योकि भूख प्यास लगने पर भी कुछ बोल पाती है नहीं हम इंसानो को समझने की जरूरत है क्या है केसे है और लोग उसे छोड़ देते है लावारिस की तरह और इधर उधर दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं इस तरह से 40 से 50 गायों की सेवा कर चुका हूं स्वयं के वहन से, कुछ लोग अपने आपको गौ सेवक कहलाते है नाम मात्र के फोटो खींचाना है सोशल मीडिया मे छाना है दिखावा काम ज्यादा है, और वो काम हमसे हो नहीं पाता है हम एक इंसान है हमारा धर्म होता है तन मन धन से जितना हो सकता है हम वो सहयोग करते है हर किसी के लिए करेंगे जब तक जिंदा है सहयोग करते रहेंगे गौ माता की सेवा करते 12 वर्ष हो रहे है सरकार से अनुरोध है गौ माता के सुख सुविधा के लिए थोड़ा ध्यान देवे जेसे लोगों के लिए फ्री में चावल, नमक, शक्कर दे रहे हैं कम से कम गौ माता के लिए कुछ तो सहयोग करें l

हम सभी को राजू वर्मा की तरह आगे आकर कार्य करने की आवश्यकता है। हमें अपने आस-पास की परिस्थितियों का अवलोकन करना चाहिए और जो भी समस्याएं हों, उनके प्रति सक्रिय रूप से प्रतिक्रिया देनी चाहिए। गौ माता के प्रति हमारी संवेदनशीलता और कार्य हमें एक मजबूत और समर्पित समाज की दिशा में अग्रसर कर सकती है। गौ माता की जयकारा लगाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है उनके प्रति हमारी दया और कार्यों का प्रदर्शित होना।

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