आजादी की 78वीं वर्षगांठ पर साहित्य संस्था द्वारा आयोजित सरस काव्य गोष्ठी
आजादी की 78 वीं वर्षगाँठ पर नगर की साहित्य संस्था अभिव्यक्ति द्वारा सरस काव्य गोष्ठी पेंशनर भवन (संपत लाल टाटिया वाचनालय) में आयोजित हुई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार बलदेव भारती थे। रघुनाथ प्रसाद पटेल (लोक कला मर्मज्ञ) ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की।
अतिथियों ने मां शारदे की पूजा अर्चना करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया । तत्पश्चात उपस्थित साहित्यकारों ने आजादी की लड़ाई में अपने प्राणों की आहुति देने वाले समस्त वीरों को नमन करते हुए रचना पाठ किया। साहित्यकारों ने आज की ज्वलंत समस्या पर भी गंभीर चिंता व्यक्त की। सभी का यह मानना था कि देश जाति और धर्म से ऊपर है, देश को जाति और धर्म के नाम पर बांटना सर्वथा अनुचित है। अपनी रचनाओं के माध्यम से साहित्यकारों ने कौमी एकता बनाए रखने एवं धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र की कल्पना को सरकार करने की बात की।
इस अवसर पर श्रीमती चंद्रकिरण शर्मा, निवेदिता वर्मा, डॉक्टर सीमा अवस्थी, कन्हैया साहू “अमित”, मुकेश शर्मा,गिरधारी लाल वर्मा, हेतराम कुर्रे ने काव्य पाठ किया । इस अवसर पर गोष्ठी में विशेष रूप से उपस्थित अनुपम कुमार सिंह (शाखा प्रबंधक एडीबी) ने सरस काव्य पाठ किया।
मुख्य अतिथि बलदेव भारती ने शहीदों को स्मरण करते हुए अपनी मुक्तकों से काव्य गोष्ठी को सराबोर कर दिया -“वतन पर मरने वालों से पूछो मौत कितनी हसीन होती है।” काव्य गोष्ठी का संचालन अजय अमृतांशु ने किया।