स्वयं मतदान कर दूसरों को भी इसके लिये करें प्रेरित – शिवानी जैन
स्वयं मतदान कर दूसरों को भी इसके लिये करें प्रेरित – शिवानी जैन
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
अलीगढ़ – लोकतंत्र में मतदान अत्यंत महत्वपूर्ण एवं अनिवार्य प्रक्रिया है। देश जो प्रशासनिक व्यवस्था है वह चुनावी प्रक्रिया का ही एक हिस्सा है। जाति-धर्म, क्षेत्रवाद की भावना को दूर रखते हुये देश के विकास के लिये सभी लोग अपना बहुमूल्य वोट अवश्य दें। हर किसी का वोट इस चुनाव में बड़ी कीमत रखता है। लोगों का सही चुनाव ही देश को विकास की ओर ले जायेगा। अच्छी सरकार चुनना हम सभी का नैतिक फर्ज है। चुनाव में वोट डालकर ही हम देश के विकास में योगदान दे सकते हैं।
उक्त बातें आल ह्यूमंस सेव एंड फॉरेंसिक फाउंडेशन कोर कमेटी सदस्य / डिस्ट्रिक्ट वूमेन चीफ एडवोकेट शिवानी जैन ने संक्षिप्त चर्चा में अरविन्द तिवारी से कही। उन्होंने कहा लोकतंत्र एक पेड़ है तो मतदाता और मतदान इसकी जड़ें हैं। पेड़ तभी मजबूत होगा जब इसकी जड़ें मजबूत होंगी , यानि अधिक संख्या में मतदान करने से देश का लोकतंत्र मजबूत होगा। मतदान हमारा अनिवार्य कर्तव्य है , मतदान के माध्यम से ही हम सही जनप्रतिनिधि को संसद में भेजते हैं जो देश के विकास व मजबूती के लिये कानून बनाते हैं। इसलिये अधिक संख्या में मतदान कर देश के विकास की भागीदारी में अपनी भूमिका अवश्य ही निभायें। शिवानी ने आगे इस बात पर विशेष जोर देते हुये कहा कि मतदान दिवस खुद तो पोलिग बूथ पर जाकर कतार में लगकर मतदान करें ही , साथ में दूसरों को भी मतदान करने के लिये अवश्य प्रेरित करें। उन्होंने फिर से कहा कि जितना अधिक मतदान होगा उतना ही हमारा लोकतंत्र मजबूत होगा। लोकतंत्र का महापर्व देश के विकास के लिये आता है , इसलिये हर व्यक्ति को चाहिये कि देश को आगे बढ़ाने के लिये चुनाव के दिन वह मतदान जरूर करे। बढ़े मतदान प्रतिशत से ही अच्छे व्यक्ति को चुना जा सकता है। इस लोकतंत्र में सभी को मतदान करने का अधिकार मिला है। जिसका प्रयोग चुनाव के समय जरूर करना चाहिये , हम सभी जाति, धर्म से ऊपर उठकर विकास के मुद्दे पर वोट दें। शिवानी जैन ने बताया कि भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। यहाँ की संघीय सरकार प्रत्येक पाँच वर्ष के अंतराल पर चुनाव के माध्यम से चुनी जाती है। देश के नागरिक इस चुनावी प्रक्रिया में सीधे तौर पर भाग लेते हैं। भारतीय संविधान के अनुसार देश में नियमित, स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव आयोजित करने का अधिकार निर्वाचन आयोग को प्राप्त है।